Book Title: Abhidhaappadipika
Author(s): Jinvijay
Publisher: Gujarat Puratattva Mandir Ahmedabad

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Page 263
________________ ८४ महादीप १८३ महाधिति ७२२ महानस २११ महानाम ५८७ महानिसा ७० महाभूत ७८८ महामच्छ ६७३ महामत्त ३४०, ९८२ महामुनि ३ महारञ ५३६ महारोरुव ६५७ महाविरेक ३२८ महावचि ६६२ महासन २११ महासहा ५७८ महासिरा २७९ महाहास १७५ महिका ५६ महिच्छ ७२२ महित ७५० महिन्द १८ महिला २३१ महिस ६१६ महिस्सर १६ मही १८१, ६८२, १०५२ महीभाग ८८६ महीरुह ५३९ महीलता ६७५ महुस्साह ७२२ Jain Education International शब्दानुक्रमः महेसि २, २३२, १०३३ महेसी २३२ महासघ ४५९ ( मा ) | मा ५२, ११४७ | मा ८३ ( एक ) | माक्कव ५९५ | मागध ३९६, ५०३ मागधी ५७६, ५८३ | मागविक ५१३ मागसिर ७६ माघ ७६ माध्य ५७८ माण ९१४, १०४४, ११९३ | माणव २३७, ८४२, १०४६ | माणि (नि)का ४८३ मातंग २६०, ५१७, १०४५ मातंगदत्त ८६७ | मातंगमुद्धपिंड ८५३ | मातली २२ | मातापितु २४९ मातामहि २४५ मातिका १०९७ मातु २४४, ११३१ | मातृगाम २३१ | मातुच्छा २४८ | मातुभगिनी २४८ | मातुभातु २४५ | मातुल २४५, ५७७ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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