Book Title: Abhayratnasara
Author(s): Kashinath Jain
Publisher: Danmal Shankardas Nahta

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir *************************** * धर्मप्रेमी स्वर्गीय बाबू अभयराजजी * नाहटाका संक्षिप्त परिचय । *************************** आपका जन्मस्थान बोकानेर था। आपने ओसवाल जातिके नाहटा वंशमें चैत्र वदी ६ सं० १६५५ वि० में जन्म लिया था। आपके पिताका नाम श्रीमान सेठ शंकरदानजी है। आपके पूर्वज बीकानेर राज्यान्तर्गत डांडूसर ग्रामके रहनेवाले थे। पीछेसे व्यापारिक सम्बन्धके कारण बीकानेर शहरमें रहने लगे। श्रीमान् सेठ शंकरदानजी नाहटा व्यापारके कार्यों में बड़े दक्ष हैं। अपने बाहुबलसे इन्होंने अच्छो सम्पत्ति अर्जन की है और इस समय कलकत्ता आदि कई नगरोंमें आपकी दुकानें चल रही हैं। शोकके साथ लिखना पड़ता है, कि आपका एक अत्यन्त होनहार पुत्र अकालहीमें आपको शोक-सागरमें डुबाकर चल बसा, जिसका संक्षिप्त जीवन परिचय नीचे दिया जाता है। आप ( श्रीयुत अभयराजजी) के माता पिता, चार सहोदर भ्राता और कुटुम्बी इस समय बीकानेर में हैं। आपकी स्त्रीका देहावसान आपकी मृत्युके तीन वर्ष पश्चात हो गया। आपके केवल एक पुत्रीको छोड़कर अन्य कोई सन्तान नहीं है। आपने बचपनमें मारजा ( वाणिका अध्यापक ) के यहाँ छोटी पाठशालामें वाणिज्य-विद्या पढ़ना आरम्भ किया। कुछ For Private And Personal Use Only

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