Book Title: Aagam Manjusha 32 Painnagsuttam Mool 09 Devindtthav Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 3
________________ निओ सुविहिएहिं । अणुओगनाणगेज्झो नायवो अप्पमत्तेहिं ॥८२॥ २०-९२८॥ गणिविज्ञापणं समत्तं ८॥ आगग-३२ श्री देवेन्द्रस्तवप्रकीर्णकम् अमरनरवंदिए वंदिऊण उसभाइए जिणवरिंदे । वीरवरअपच्छिमते तेलुकगुरु पणमिऊणं ॥ १ ॥ ९२९ ॥ कोई पढमपाउसमि सावओ समयनिच्छयविहिष्णु वन्नेइ थयमुयारं जियमाणे वदमाणम्मि ॥ २ ॥ तस्स ९२९ देवेन्द्रस्तवप्रकीर्णकं, आबा- १,२ मुनि दीपरत्नसागरPage Navigation
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