Book Title: Aagam 37 DASHAA SHRUTSKANDH Moolam ev
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 9
________________ आगम (३७) “दशाश्रुतस्कन्ध” - छेदसूत्र-४ (मूल) ---------- दशा [६]-------- मूलं [१९] ---------- मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [३७], छेदसूत्र - [४] "दशाश्रुतस्कन्ध" मूलं प्रत सूत्राक [१९] दीप अनुक्रम [३६]] गनिनिषिद्ध आपि भवति, से मनति महिछे जाच उत्तरगामिए नेसए मुरूपक्लिए आगमेसाग सलमनोडिए वापि भवति, से न किश्विवादी। १९साधम्म पारि माति. तसAI पहा सीलमपणपयरमणपवारसाणपोहोपयसाईनो सम्म पढवितपुवाई मति, एवं दसमसायो पदमा उवासगपडिमा ।२०। बहावरा दोबा चासमपतिमा-धम्मर धादि । भवति, तस्स गं पहुई सीलवयगुणवयवेरमणपबक्खागपोसडोक्यासाई सम्मं पक्विाई सबंति, सेणं सामाइयदेसावगासिय नो सम्म अणुपादिता भवति, दोचा उपासमपडिमा ।२१॥ अहावरा तथा उवासमापडिमा सवयम्मद याषि भवति, तस्स गंबरई सीलवयमुगायरमणपवारवाणपोसहोषधासाई सम् पट्टक्सिाई मर्वति, से सामाइयदेसानगासिय सम्म अणुपाहिला नपति, से गं पाउदसनामीउरिद्वपुज्यमासिनीस पडिपुण्य पोसह नो सम्म अणुपालेता भति, तथा उपासगपटिमा । २२। जहावा चउरथा उपासमपडिया-सा । धम्मन यानि भवति, तस्स हाई सीलपय जाच सम्मं पट्टपिताई भवनि, से सामान्यदेसावमासिब सम्म अणुपादेना भवइसे चाउडसमहभिारिपुष्णमासिणीस पतिपुज्य पोलह सम्म अनुपालेता भवति, से गं एमराय उपासागपादिम नो सम्म अणुपालेता भवति, चउल्या उपासमपडिमा ।२३। अहापरा पंचमा उवासमपडिमा सायम पा1ि8 भवति, सस महई सीपय जाप सम्म अनुपालेता (पडिलेशियाई) भवति, से गं सामान्य नहर से णं चाउमि तहेव एगराइयं सम्म अणुपालेता भवति से अभिणाणए पियडमोई मलियकटे दिया बमवारी रति परिमाणको, से एयारूपेण बिहारेण विहरमाणे जहएगाई वा दुयाहं पा लियाई गाउकोसेग पंच मासे विहरिमा. पंपमा सासगपटिमा ।२४ा अहापरा छटा उचासमपडिमा समयमा बावि भवति जाब से मे एमाइव उपासगपडिम अपालिता भवति, से में असिमामए पियडभोई माउलीयकडे दिया था रामो वा भयारी, सचित्ताहारे य से परिणाए न भवति, सेज एयाको चिहारेण विहरमाणे जहएगाई वा वाह ना जाब उकी उम्मासा चिहरिभा. पहा उपासमपडिया का ।२५। जहावरा सत्तमा उचासगपडिमा साधम्मरई याचि मपति जाव राजोवा मयारी सपित्ताहारे से परिमाए भवति, आरंभे से अपरिणाए भपति, से एपारू विहारेज पिहरमाणे जह० एमाह या पाहं ना जाच उकीमत्त मासे निहरिमा, सतमा उपासनपडिमाजिहालस अहमा उचासमपटिमा-सायम्म वापि भवति जावराओ वा बभयारी पित्ताहारे से परिमाए भवति आरंभे से परिमाए भवति, सारंभ य से अपरिष्माए भवति, में एयारुणं विहारण बिहरमाणे जार एमाह बाबाई पाजार को अह माशा हिरिमा से जहमा उपासगपडिमा ।२७ महापरा नवमा उचासगाडिमा सश्यम्मस्वी यावि भवति जाव राजो (राजोपराय) बनयारी सविताहारे से परिणाए मगति आभ से परिणाए मगति पेसारने से परिमाए भवति, उरिडभत्ते से अपरिग्याए भवति, से गं एपारूपेण विहारेण विहरमाणे जह- एमाह पा पार पा जाप उकोसेन ना मासा हित रिजा, सेनामा उचालमपतिमा ।२८ाबहाया दसमा उवासगपडिमा साधम्म यानि भवति जाब उदिडमले से परिमाए मपति, सुरसंबए पाहिसिधारए पा. बाम(इ)दस पासमानहस पाकापनि दुवे मासाओ भासित्तए नं-जाणं वा जाणे अज्ञार्ग का नो जाणं, से गं एषालोणं पिछारे विसरमागे जहएमाह पापाई का को- दस मासा रिहरिना, उसमा उवासमपडिमा। २९। बहावरा एकारसमा उपासमपटिमा-सापाई जाप उरिमने से परिक्साए मचति से सुरमुंडएबा मुत्तसिरए वा गडिया15 बारमंहगनेवाये जारिस समचा निर्णयार्थ पम्मे कसम्म भएप कालेमाणे पालेमाने पुरमओ जुगमावाए पेहमागे पटवण तसे पाणे उबर पाए एजा साबद्ध पाए एमा रितिरिष्ठ पापा कल गएजा, सति परकरी संजतामेव परिकमेना, नो अनुयं गच्छेजा, केवल से नायए पेजधणे अयोधिो भवति, एक से कपति नाथपिदि एलए, तत्म से पत्राममण पुमाउसे चाडलोरणे पठाउने मिनिमसूबे कप्पति से चाउलोदणे पडियाहितए नो से कपद मिलिंगसूचे पडियाहिलाए, सत्य से पुधाममा युवाउने मिलिंगसूके पकाउने पाउलोरणे गप्पति निलिंगसूचे पविगाहिलए नो से कप्पति पाउलोदणे पदिमाहिला नस्य से पुवागमणे दोषि पाउलाई कति से दोषि पहियारिलए, तत्पसे । पुवागमण दोषि पच्छाउलाई नो से कपंनि बोचि पहिगाहितए, नत्य जे से माममागे पुवाउने से रुपति पटिगाहिलए, जे से तस्य पवागमण पाउसे नो से कमा पडिमा.. जिगए,त्य गाडापकर्म पिंडवायपडियाए अपपपिस्स कप्पा एक्सनए समगोवासमस्त परिमापरियामरस मिक्स बनमह, एचारु निहारेण निहरमाणे व पासिता पदेजा- आइसो ! तुम बत्ता सिया, समगोपासए पतिम पडिजिते असीति पत्नई सिया से गं एवारूपेण निहारे विहरमाणे जाएगाई वा दुपाई पा लियाई मा उको. एकारस मासे विहरेगा, एगारसमा उगासगपतिमा, एताजो खलु तानो परेहि भगवतेहिं एगारस उपारामचडिमाओ प्रमत्ताओति अनि ।३.४ ममोपासपतिमाध्ययनं ६० सुर्य में आउतिग भगण्या एमपसार्च-इह खलु यहि भगवंतहिं पारस मिक्सुपडिमाओ पं. कयराओ खलु लामो जार 4. खलु एवाओ. मासिया मिक्युपडिमा दोमालिया निश्शुपतिमा निमालिया भिक्युपडिमा बमालिया पंचमासिया सम्मालिया सत्तमालिया पढमा सत्तराईदिया एचा सत्तराईदिया गया सत्तराईविया अहोराई- (२) ९८४ दशाभूतस्कंधचोडमूत्र, दस-09 मुनिपरळसागर अत्र दशा-७ आरभ्यते ~8~

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