Book Title: Aacharya Premsagar Chaturvedi Abhinandan Granth
Author(s): Ajaykumar Pandey
Publisher: Pratibha Prakashan

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Page 456
________________ 424 श्रमण-संस्कृति काल में ई० 1919 में जब ये गुफायें सर्वप्रथम प्रकाश में आयीं तब भी नैसर्गिक कारणों से जर्जरित होने पर भी ये चित्र काफी अच्छी स्थिति में थे। 1822 ई० में विलियम एस्किन तथा 1824 ई० में जेम्स ई० अलेक्जेंडर ने अपने विवरणों में अजंता के चित्रों की ताजगी एवं सुरक्षित स्थिति की चर्चा की थी। किन्तु इसके पश्चात् ही अजन्ता के चित्रों का विनाश आरंभ हो गया। __ अजंता के चित्र टेंपरा विधि से बनाये गये हैं। गुफा तथा शिल्प का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर उनकी ऊबड़-खाबड़ सतह को जो इन चित्रों के वाहक का कार्य करती हैं, मिट्टी के पलस्तर से समतल किया जाता था। छेनियों के आघात तथा पत्थरों की प्रकृति के कारण कई बार बड़े-बड़े चिप्पड़ निकल जाते थे जिनसे उनमें गहरी खरोंचे पड़ जाती थीं। यह असमतल सतह गारे की पकड़ के लिए दाँत का काम करती थी और शेष लेप अच्छी तरह जम जाता था। इस पलस्तर को और अधिक मजबूती से जमाने के उद्देश्य से मिट्टी में वनस्पतियों के रेशे, धान के छिलके, घास, रेत अथवा पत्थरों का चूर्ण और गोंद अथवा सरेस मिलाए हुए दृष्टिगत होते हैं। कुछ गुफाओं में गोंद की जगह जिप्सम का प्रयोग पाया गया है। इस खुरदुरे मोटे पलस्तर को चिकना करने के उद्देश्य से उस पर महीन शिलाचूर्ण अथवा बालू तथा बारीक रेशेदार वानस्पत्य पदार्थ से युक्त कीचड़ और लोहमय मिट्टी की एक और तह दी गई है तथा इसके ऊपर चूने का लेप कर चिकना तथा चित्राधार तैयार किया गया है। बारीक पलस्तर की यह ऊपरी तह अंडे के छिलके जितनी महीन है। इस सतह के ऊपर विविध रंगों से चित्रों का निर्माण किया गया है। अजन्ता के चित्रों में प्रमुखतयाः पीले, लाल, नीले, सफेद, काले और हरे रंग का प्रयोग हआ है। रंगों के विविध अनुपातों में सम्मिश्रण से कई अन्य रंग छटायें तैयार की गयी हैं। छ: प्रमुख रंगों में से काले को छोड़कर शेष रंग खनिजों से तैयार किये गये हैं। छ: रंगों के रासायनिक विश्लेषण से ज्ञात होता है कि इन रंगों को गोंद अथवा सरेस के साथ पानी में घोलकर तैयार किया गया है। अजंता के प्राचीनतम चित्र दसवीं एवं नवीं गुफाओं में पाये जाते हैं। ये चित्र सातवाहन कालीन हैं। गुफा संख्या - 10 में बोधि वृक्ष पूजा, स्तूप पूजा, सामजातक, षडदन्तजातक के दृश्य अंकित हैं। गुफा संख्या - 9 में नागराजा,

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