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जीवजे परंतु जेड
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यो ललितपुख्य होसक्ति कूपमीकि जिनमें आंदीकरीता वलाक्षेतिले कारण मुकनें अनर्थदाय का तो राजऋद्वितेरुपावेंस विमासीदीनें पंचमुष्टिलोचकरी माहावीरसमीदिदा लि
योजी नौ तौ (दसानि षनिवाय प्रतीयमानी स्वोमि तापत काय कलेस करी बावा सया रिसदसदी किवल पोमी मोहता इसी परे जिन नक्तरी महिमा जागवी अहंकारदगानी परे करते अन्यः नमी राजा इसिका क्षेत्र वन] सात्त्य एका वरिद्राने प्रमिंदर विदेह चारित्रभूमनविसाव करके ना मा राजा कृक्ति ना करी आपला मायरिया को जेनी देशनो नऊव नामादेश नमीन ऊल वदे सामना भारदेशनंदि पति
करके किलंगेस
पाल सरकंस के वो पंचनामा देश नौ नमराजाविदेदेश दिबे
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राजाऊ
राजा
प्रत्येक बुटीक लिंगदेसे पंचालन गरीयेादधिवाहन राजा तिहने वेमा माहाराय पंचालेयम्मुरो नमिराया विदेहस गरे सयनिगाई ४५ पटीने एकदाग जियो त्रिजे मासेमोजे उपनी जिऊंराजासहित उद्या निकदलीगृहकी डाकरुति दातरा जायें जो लि गजारूढ मस्त के बीजाराली नगरमा हिधि की वनी डा कराव्या तसे मकस्मात् गाजतो तिलों व्यध्यस्मरी वनन लौनिक ज्येहिनदी तिरोली नैराश्क हि आगले व आयी है । तिदिलग जा रही राजा शाखायें दिलगा | गलीयेनविलगांल । दस्ति वा त्यो राजाका लायकरवा लागौ । राजायाबोचे पाय पऊं तो लीगल जाता वेतस वृनी साबापती हस्ती पाली महिपय ली उत्तरी रोती तापसनेमाक्रमेंदीतायनं के हनी पुत्री के ही ना तिवारे कलो वेडामा दारा यत्र दधिवाहन नीप्रीत हस्तीयें अपहरी इस आदी तिरेता बसे के हैं शिंचे मामाहा राय ने मित्रहवें सम छिटाला पिताना घनी रीतेरहों तिहार दी चोमासे धर्म कथा | मनमा देचिनवैए तापसमिथ्याला एरुनो विस्वासनां सतीऊलपतीनेक है। सुवचोमासोर। विष्य मुकने केडे कोन यावी (तेजली वस्ती नली मुको बें