SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 365
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ तोदिय अदिया) एगि दिया वरं कानालस्ती सारखा गुणा।। एवं चाश्या एवियात सिगालांनातनकाश्याएं कष्ट लस्साए । ललिकावाल स्नायक नागासाचा वातिकाया का अलस्सा एीलाल सावि ससा दिया। कपालमा विससा दिया विषयं वाचकायादिपात सिलातवाम्फनिका ३ या कालस्ता गावात वाला गाय ऊदाए गिदियान दिया दियंचरिदिया। जानकाइया एपल सि तयविदियतिरिरकोमा गिया कलसाडा वसुकाल साशाय कतार २ दिना णाभाऊ हाउ दियाांति रिस्काजा वरका डाल मुहिम चिदियनिशि|| काजा लिया। अदात का गजवक तिययंचिदियतिरिकाजा लिया। दान दिया। गति सिकाऊटियाएंगे एवरे बालस्तांसारखा गुण पवेतिरिरकाना गिलास विधगत मिणतात समु॥ चिमचिदियति सिकाडा गिया। गझवके तियां विदियति रिकाडा लिया गयकालमा जानक लस्सी एम कतार शहिता अप्पावागावात वक्कतियपेचिदियति रिस्क कायामुक्कालस्स पालस्ता सारवणागताला सावध गुणा का जाल सास खिच्द्यगु गापीलाल साविसमा दिया। कां? Jain Educ International
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy