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लस्सा (एडा सिलाए शिवमापियो। तिखालसा पहला पनवर पांच)/मा) एगगत नालम्सा। पात सिशांतातावार
कालस्तावमा गिरा लस्सा जवाला लायक वारणावासावा लस्सासारवद्य तालासारखायला कावालस्ता लस्सा विससा दिया। कपालमा विससादिया सालस्सा सिसादिया पात सिांसा लालसा कोव लिस्सायक तारदिताणावाधा मायादार कपलस्सो साराणा का सार घालता यावा ।।।। सिएलान तिरिस्क जाणिया कल सोएं। जीवन का (लस्सना (ए)) यक तार २ दिता प्रष्णा वा गावाता। तिरिरक ॥ जाणिवा सुकालस्सो एवं दाउ दिया वरं आलस साल सवद्या। पात सिता तर गदियाण काल ससाणे जावरान अलाटा कतार होता) अण्णावा ॥गा सच्चा बावागिदिया [तनाला का अलसाया। पीलालसा सिमा दिया कष्टालसा सिसा दिया। एत सिगोनीत पुढ विक्वाइया कष्टाला एंगेजावात जाल सालय कतार २ दिता
xनीलल
वाघाचा वाद १२८२
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