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________________ विश्याना विविधकार नाकारसनिधि अरहंत भाविपासा देहरा घां लोचनाले हास्यर पामांबाबऊ लघिऊहाँ ਵਾਕ ਧਾਰਡ, ਸਵੇਰ ਅਤੇ ਕੀ श्री आयाश्वताचा जुन इविस सिविद्यबला अरिहंत वेश् अतिपाद्यातरी नाकामिय। का! वीरतर विकाशांति बोहरा तागां मा नलिद हारते कहतां भारि उयश्वविकारतेाई निहांधलामा तयरहित हवालीक सुनेका तस्कांरवार दमा कतिपकरा रहित नगरी श्रतएवखेमा लयरहिता करार तितकावर सब इस तस रामबडिहा शाय गं गिलास मत कर खडर कर दिखा रवमानि रुवादेवी मुनिरका वा समु हावा सा अनेक मनी को मिडिया मुक संतोष नटकते नहाते अबराम मनातक विकते जेवा वेलंवगकता कवानी के केवानरपर कडबा कुटुंबे नायक ज़िहारह बजते या नामयोग कानुष कहाएल हायजेया माऊपारित होण्नवा कापरा करें हाहार ऐगा का कि कुटुंबिश्री इसी निग आकार कत्राकारवत्य प्रासाद देहरा जिही ए मुही मामला मुबलवा के काय वेग राममा नागा असता वंशाखे वित्रफलका निकरई कहाहर ल हस्ततिकमा कारवा353 बीपानावाला अनिक तालावर ताला देईन नाव जेहोमा व लाता ना रतिश्चरित सेवाबनगरी स्वापुरुषर राम गडू 5 लास का आकंग लेखामरखानपानाबीणिश्रा आणि गतीला यरायांचे रिओ रामु फूलफलेस वा तथा कलां दाहियका पालाना हसर्वगुणेकरा नंदनवनमेरुपर्व नवे हमरा प्रका विक्रमाविलपिह लागतार कह तिघणा क प्रसिद्ध पानाचा पेयेत सहिनामा नवीन राज्यो तब के हुन त मध्यन लढिय खातक शगतलाया द्वारिया पिलगु लावावेयो ने दशावासनितगासा उविविना सारखा 5
SR No.650017
Book TitleUvavai Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorKesharvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages211
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_aupapatik
File Size100 MB
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