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________________ - बारपाई पर को चक्क कहनांरोधना पांग कागदा जो हमा भुमा टेकती हविया र विशेष ारा है कता प्रा लिन सीसकिय‍ 13 कमल कड तांबे कंसमान कवा मयन बिदुर हितब यरीलोके धनुःकटिलवांक एह वा कागदापयरि साली नमी यापलिहा सराय मुसरा हासयग्धिा मला कवा घडाव साधक डिलवे कृपागा हवा शिला क्रिमवीटी बरं कीती साकागरांवाटली रचना सहित मनो हरसंहियतल पोलिऊपरिरुकवाना वामगठन तोरण काष्ट नवागुरा संस्वानतिशय करा सातवीएस वीनगरी नगरविवाला हावनउ मोकलनमा नापाषाणना करासहन लोकप्रसिद्ध सुि रुडायरियो राजमार्ग चाचार्याणइर नई इकीलपालिनश्वघ‍ नगरा दिएकी हादी नकारा राघवारीक सभी व्य बयाली भागलघालिरुय तेहरान दानवसां विपणि पासिया दिशेक एहवा वता लिहा श्रागलिभोग लि वासराचाकी नगरी रिरिक के किसी सयब हर संविविसयमा माहोल यवस्यि दारोगांपुरताराम साथ 'पुलाव सुविनयम या बायरियर दर फलि हरदकीला विवणिविशियान्नन्त्र सिपि ग्राइण व्यावृत्तका ज्ञाता संघकहतदिषुणा घाणामा मिल कायागाने एक शाम से माय मानत हाहाकारावस्तु स्कानमा मिला निघुमु हा सिघा मगतिगचन वा वचपणियावरण विविद्यवत्रपरिमंमिश्रा सुरम्मा नरवश्य महापनि अनेक वरप्रधानवर गघोडा मन्त्र कहतां रथमो टा संग्राम नेहमोपहर सतहमा दे 885 इतिहा माता कुंजर हस्ताहावी यासकास्पदमा माया गाईला मागाला सा १० सामा विशेष महिवशप हा श्रापग वरवरगमन्त्रकुं रह ह कर सीयसंमाणास आया 2
SR No.650017
Book TitleUvavai Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorKesharvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages211
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_aupapatik
File Size100 MB
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