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________________ २० उझराध्ये० दोलागो देनाइनुमेमोटा कमी खिम्पा करो को छन समावे। वह रानी मुन सर्व स्त्री या प्रा विनाटकमायो सरकार देवता लस्ती लिवो जलनामा तो हथ्वीमैन व्य होवै समुद्रनालीमर्यादा तो हालागो । तिवारी सोमेंद्र की मोहलत साधने कान में च्यादीनी गावाला गाक्षिमस्व नसानन निकोप समायौ । तिवारैस पसंद को मिला मी मंदेश या कर्मदोसराय यत्त० सरिए मिय कुलगएसंघेय दिलास आलोय ||५ डिक्रमं तो समोडं निरादिना श्वाती०५म जिनधर्मनी छीमद्माकर साहनी कृष्णा ने किकरी संघ नसा तान जाकी यसै विभु कुमार बेदले बसे हावर्स केवल ग्यानीक वा विमुक्ति एकता निदार वडी महाववर्त पुत्रराजत्तलाठी ऐति राज्यनी माझा मुकी दी। पानी गीत पस्पा करी कर्मक्षय करी केवलग्यो नामी मोक्षनै "विबैयता इतिमहावदानी कथा एकतनी समाप्ता दरदन मम्वकतृत ९०९क००छत्र एम० टवी नाराजाना | हरिणम० मनुव्यमादि २० वाल्या० मोक्षगति ४२ नीकक्षा १०॥ कडे दाती राज्य सीरी मामा ननु मर्दा समानकर्त कंदिल बुरनगर दिखन हरिजीयराजाराज्य रईनी दिलाई मण्डन नइ सैनामेराली/तिले १४ गतिदसादिता महिमानिसूरणा हरिसे लोमएफ स्सिं दो सूचितजना तिले मोडलकरी दूरी बेलना मदी दशमी तथ मोतिद्दता नामीमुदिता तिवारी तिनुपा शेटेस नासानजी वैराग्य शमी दिवाली जारदर्शनो राजिमु किमया अध्मवितराव राजानः सर्व नवी व कादिका नाम कहतिः | २० पाएंग मोगति | | इतिदरिक सम्म करीन हिमइद० मम वो जिवजिनक संयमा मण्डन उतनी कथा १०॥ च्प्रतिज रायस दस्ते दिं । परिब्राईदमं चरे जमना मे जिएस्कायं लोग ४२ स्था लोग ईमएस२८४२३० पुत्र नैराज्य देश रोते दिव्याली श्री तर कुरी के जग्गा त्साकरी केवल शेन दामी एनरेधनुषदेहमान दशह रामनगरीने विलोम विजयर जाराज्य करे बैनिनै विजानामै वह महासवंत ते एकदा प्रस्ता भोग दीव रूप मेदी व्याजी ठी कथासं हर ए विचवदार प्रदीगा रे मासे ३ जनम्पो जय इसोना मदी के एक दास्तावै उकरलपनो शिवारै बमसाठी तस्करीतिनद्जारव सानो च्याउ बोया लिलिवल ग्यानी धमोक्षता इतिवाचकवर्त गतगमा इविजयन मे २० मां
SR No.650014
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages248
LanguagePrakrit, Marugurjar
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size138 MB
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