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________________ समया स्वयमेवेोक्का इमान सास्ती २ पररेादिमे धर्ममुत्ते दिजे तिदिहंसा सावुरिसालेाया नलुष्य नावजीदेहि । वार्ता ०६ की जो राव रिहान एटी दमानिनची कदै एफनै राजो | म ट्रे अशकर तो है। निवारय क द सिराजयोगा०ते२ मा हेर है / नमुचीयज्ञनी दीव्या ली थी। सर्वलोक नेउली लेइ मिल्या तिवाक है ऊ नै सेता मिलान ते जायन तेही या तो दाबताचार्यच्चादित्य तिवारेन मुची कदै रेइन्दा श्री राजा मे मु निष्टला गोबोनिमा रानीमिद्याकरो विलाझरत्ययदेवता यत ॥ देवाना जगत्सर्वमेत्री श्री ना देवता तमंचा भी ना तस्मात कुन देवता बार्ता ॥ तेनुमारे जैनधर्मविज्ञान जैनशासनने विमेन राथोकन थी किसानों नच सीमै गान कासीमोल एनि दिन दिवसपतिनैव भूतगी दिशेो ददानंच तिर्थगमनं नै रहे मो तासीररे पामुकता की हो धर्म जानवाला तिहारेाचार्थक है मुक्तिगतिक यमारे धर्मन दिइनदीतेः न दान नैव सत्यनवसागरी तत्वादिनि हिंसा गरे नवमितं बलं दर्शिरा जो जो जिमित्य एवासी जन राजीव घात कृताविक अतीव ताकि यज्ञ मी शमत्येनास्ती त यो नास्तीला स्तिचैडिया नियौ स र्वनृतया नास्ती तत्काललताशात कारे मायाज्ञकरतो दिनमै मुकी जावे न हि तो सर्वनै मारिषु । निदाश प्राचार्येको जालीज सी शिवारल जूनके पडसी शिम्भुकुमारलाब दिशाबै। सीवदेवाने समर्थ चैते इदानही। एवै एक शिष्प दोल्पा स्वामीकुमारने ते मी माही जादा नीश किं शिक्षा तिहाथी द्विदानी शनिद गुरवोल्यम जादो विश्शू कुमारतुमने शो तो त्रास तिवारे बिले कुमाने सरु पर्वतेजकुमार सर्वानमुदिनीका जनशासन कार्या लीरतान्य सामने गुरे मोकजी तेनाइने वादा नई देते राज लोकमैश्वे सकी। कनादिव गेलागो विस्तृतमा रक है। ना ही दिष्टा इजिएद्वाक्क पाचनैराज उजा अतसते सूरानयेदाना परस्पर विरोधका नैव विधाराजयोगा निष्ण मोगा सुमन एवार्ता] विदाशे चक्र तक के छोटी जाणिव लदे इदे इसीसीदे इसे विदा र विन्तु कंमार के है यतः कस्तुराणिएलवी सर दिने जो मुहर घमसा दिनेए किंतस्स १ विश्वकुमारक हैलइएनसी बदेऽस्यै ३० दिदारी न मु चीनी सन्तान्ामो का हो न मुची वर सात मे दो मासाममुनी दिदा जानेमा दाना इनोदी खेरा। नोगतमा करवाने जागा निराक है माठातीन राजे वीजायगादे दिसादिनतम वैमाराने या रस्ं । इमसात्तली दि भूकमार नै कोष दनौ । चारे निर्लज निरदय जिन सनना विरोधी जीत तो रा गोलो नदी | इमनिवारी ते लक्ष यो जननो रुवीकु नक्षत्र ते प्रवेप्राय यतः कदम ताल विरुद रहंतो को कमेएमिरूसमो जाउजोमलजद फालिम फन फुकरे कमदहरं करतो गामागरन गरकं पाईले केपानी टंडोज सिंह र लसीदरात एक मेरूनी सूनका इनीज एग जगतीनी तिरमात्र करे 5 चीज वाती जाएग मेलवाना मद । तिहारेतेद्द नोद दधिल शेषमो विदारैन पुची ना मस्तकन परे 27 मूवरौ। पतालमा हतेने मोकल्यो । ए हदैसमै चक्रतन्त्रा
SR No.650014
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages248
LanguagePrakrit, Marugurjar
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size138 MB
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