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________________ तया मरख्यातानाका संरक्षणल गाय पाश्म वीसमध्ययममवारीपचीससमहसनका यानासरख्याती परमपण यम॥ नायवसलासेण्यात संविधाका सन्देशाते.संघकातागंशातारा एनसमेअंगवीसंमन्यायमद्देशाकापसमुद्देसंवद्या मदनीलाएककोटियो एपदनपरिमाणकद्या जिहां चरणनेसाक नामहावनाका भारयायते हविवारनाम्पार शसालाबाबाससक्ष्सपदक संश्यात करलगिरि विद्यावादिकभीषरुपमा केही मासंपनी इंपयसतसहस्सापायग्रेण संवद्याणि अकराणिजाद एवंदणकरणपणा अघविद्यसिस विधा मुते से अपकिस्पष्टवाद हॉष्टिवादासर्वसायासकलमयादि वीमपरकीयांवश्य परिक बिक्रम श्वंग३॥ यमयागः राष्टितदेनिल कसातिदनीयस्येसावनईविषा कारकहनबER aaaaकरिश्मा ॥ श्रारख्यायतकहीयEW दिवाएमसिद्धिजिवायलोसमाध्यानाविधति सेसमारातपिंचवित परिकम्प्रमाइंगटयंत्रण चूलिका अधकिस्पतप परिकर्मपूर्वतमा वरिकर्मशगनिमावि मनुष्यश्रति परिकशा प्रशारण गाणी रिकर्म तसशक यंत्रक शम: सिनिमयपरिक नीमराना "गणना ३॥ नामा न रमन लियासक्तिपरिकम्मेश्सत्तविर में सिसेणियापरिकम्मर माणुस्मसेणियायरिकम्मे हमनगाहणासे उपसंपादन विष्पजहरण कताफलश्रेणिकापरिकम सेकहतात अणिकापरिक मीनदानावनाधादसेदकया। रणमलनापा मणमा रहनायगुरुसामधानाशिवा सिहा सकर धनवसपकासे विप्पडादसाघुताधुनसणियापरिकासे किस सिझसेणियायश्किोवासविद ए तण
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
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