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________________ स॥ ससर्वकासनईसह लायबुधजनमूननदमडविग क्लीकहदोबइ पपकपणश्यत्ययानांती विवहण्यनेकयुणयनेकषमावाहवामहाझमोटाय। नसम्मतमान्य मापदाधनाकरणलाएकोसहि करणहारमाननाश्पकपण मानवा वार्धातासमराकानिनवणीसमा विलय मनाया समनुकारणा यामझन्पच यदाश्मना।। हवासाक्षा स स्स सबसम्मतसाधजगविबाहकसम पछाक्यपदयादारी पहाशिविट्युशमहानिएवरणगीटा घनव्याकरणमई प्रश्नयाकानन परिहा गणतीबा मालाका यावनाईसंख्या र अगाईपणा वामगश्क क विधकही या विधान म संख्या तीसग्रहण रायण प्राविति पटावायरिनावावरणासंरकेधाजा खद्यानासनदातोसणगछायदसमिगेएगेहत स्कं यस्ता अन्नानकालयदेमना एसानी समुवानकाला संरव्यात पक्ष्नालापा बाननाषअनमोलसरमा संरयाता! वलीसारस सिलाई। यदनपरिमाणकह्या रिकथेपणतालीसंहिसाणकालायटालासंसमुसणकालारिद्यापिण्टासतरराष्ट्रमाणियों में विद्या कशा नाममा यादवना जिहांधकामmaa पनव्याकरण किस्पतिविपाक क्रमविपातम्यसाश्चमक मनिनपरि पर्याया मिबिहारिकरुपण मनगकप30) मनहनियादकककतचियाकाहाविपाक कही पश्वणवा अस्कराताग माजाव चरणकरत्रायविधेति तपटावागरणाणि सकित विवागात विवागमएग तमविष सुशत लसकर्मीपश्चांकीमत्रफल विपाकफ विषाकतसमास:संकेय उरवधिपाकण्वनिवड 55555 मकर्ममशक्कतका रुपविषाकपरिपाक मारण्याथनकहायता करविषकारक ह्यासक बशा सुषविपाका सुकाउकामा कम्ममापीकलविदा जाधविधति सेनानासतो विदेशात विविवनिचिव सुदविवागण्य Postale mahade
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
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