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________________ चली साधुक ऊरु दिनहाय णिकंदना दिक दवारा स्त्रीणा तबचारसाधु कर्मन विषवर्जन सलिल वलीसा धुस्त्रीतगादा स्पाक्रीरतिसं लोग द कथंरूप्रयंगीयं) दसियंमियंक दियां बेल [चधी सायगिशं विवाहास किंडर इंदयासदर चित्रास सहसा कारिविचित्रसयाणादिकलचारी साधुकिवा र मनिनचीत ६ वलीमधुनिज्ञात पाणी विप्रसीद्य मदन वारनार ब्रह्मचारीसाधु नित्य निरंत गालिया बलाचररवधी | नाशुचिंतक यो विलयं तन्त्रयाणंचा विष्णंमय विवहणावंसाचरखे निरानिइसो २ रामवल्लीसाधधर्मकलाकालव सरियाशधि संयम नई श्रदधारणा। नई काकि मात्रातीत ग्राहारस दावत चारा लिवलीमाधवि परिवद्यया प्राधम्मल ६ मियंकाला उच्च वा नाम जिद्या बंनाचरख सयाम) वित्तसंपरिव पाशृंगार वारी र नई मंडन ब्रदाचारीसाधु श्रातरणादिकनराबाई वली साधना रूपगंधरसस्पर्शादिक यांचप्रकार काम लोग नित्य विद्या सरीरपरिमंडगा । बंशाचरख निर। सिंगारचंनधारण सायधिया रसका सतावया पंचशिका वल्लीसाधुखीसहितनयाश्रय अन मी मानान्य स्त्रीकाश्रमस्त्री ननयरिचय संस्थान स्त्री यज रंतरमाई मगुणा निवासाय विद्यया या लाउंछी उगारला धीक दायमरणारमा संघाचा चवनारी गाता सिंनंदियां वली स्त्री तिरुदित गीत दसित | प्रणित कथनलोजन श्रतिमाषाश्राहार १५२ वखादिकसहितसयनादि क ||१||ऊ दियंक दियं गीयं । हसियंत्रा सिया पियायेनत्रयामाये पागलाय ॥२२॥ गन्नन्दसरा मिच वारीरनीबिषाप्रतिको मालागासरूं बांबुं नररुघन सर्व तालपर विषजां गिद ३ लघु सदाई कोमल गया गांमबजाई। अन कामो || काम लागायच्या नरमन्त्र गावसिस्ता दिसंताल डंड्दा १ एका मालागया निवासा परिवाए। संका zil a
SR No.650012
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorJaysundar
PublisherSanchor
Publication Year1682
Total Pages230
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size124 MB
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