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________________ चप कवना विन निकुणानुनाद तक्षिकाम जीव प्रनिला निदाएककोएकश्मीरजादिकविषण्वन श्रापणाधम्मनिविनिश्चत करने ९धर्मगनी पोश्रमण्यवादी अवागार अनि स मानराजादिकलोकन अनेरानाबमादरवीनहानिदानास्तिकमती नेप्नेरहेपाहनानपरि जान . बणेवानगेयूयासमाठिमुगपूस निकाईमुन्नामेव सिंगायनबेतिसमनविस्सामो अगासिंग ममता सुबकजना गोमदिया परदनलो स्वयंपचनपाचनकिंया पापकर्मसावद्यारहोसावधामी१२ पोनामीअविरतीयाईआप एहवाश्म रदिन विरहित दिपश्चरेहिल जीरहिनतिकावरना टानकर मुनही लोकोतमात्रामाईना जापतिताधीश जैकरने के किंधण प्रयुताअपमुपदलोलस्कुणोपावकम्मेनोकरिम्सामिसमुझाएतेमणोअयडिविरमानवतिसयमा मायद्याबुटानाद अनेरानप्रदश अनेरांवावरताने अनुमोदईएलीपरेंतेवीसंबंधीया कामबनो एकिन रथका नेदना अधिका मादिकपातादरे श्यतिन्नविदियावेति अन्तपिपाययं समातातिएवावनिकामनाहिंमुधिगिदिया अनाव नंदि तुच रागदेषनेंवमें एट्वान्नानापण कर्मपासि अनेरापिएकमबखथा नेमाने प्राण सूत जीव मब नेविणों विबादा लेनी पोदता को बंगाचीनसकई राई बन्नाधारागदोसवसहानेणेप्रप्याशसमुळेदेतिगोपरसमुळेतिग्रमायाानूयाडीबासन्नाईसमुद परवानास्तिकवादी अनेमागलिंमार्यमाय एकतारळाका बीनारेमापो विवाले कामलागनेंविषमतारहे गरीक एसजें प्रथमपुक योगका पुचकवादिके अगवाहना ताउनयव सराप राजादिक पुरुषरानसकई ष कला पदीयासेजगारियमाप्रसंयनातिणवाए गोपाराएकामनोगेविसन्नापिपरिस नहीवनचरीरवादी कहि दिवबीजोपकालतेक जरुषपंचमरावततत्वकरीमानें एससा सर्वपश्चिम उन्नर एक ak ववतिका सारयमनोकराव मो6ि मिली रहला निश्मघुसपना जातेकीबतसरीनिमादिरा अहावरेदीचेरिसनोएयवानहानि नदियंतिहखनुपातीवावसंगति पगारन । ससामोयाबीराजा कमनुष्य सा अनुक्रमें लोकमादि अपना नेकले एकेकार्य एकेकचनार्य एमजावरवाई एकेक नेमनुष्पमा एकमाटोराजा चित्र यामणुस्सानवतिअणुयुबेलायनववन्नामाश्यिावेगेनारियावेगेवगावंरुखावतेसिंगमदंएगेराया मोटोपर्व मसञधकार जान सेनापति भने नेमा एकको श्रावं नवनिम श्रम अथवा मादण नेहममी नसामान्स रामानवविजावो मेनापनिना पत्र अपघय नेहन पुरुष सवेतिमहाशववेवशिवसेसेकावणाayावसिंघणागतिहीनतिकामसमयमादणायपहारि समुद की का 5 . पंचमपनि
SR No.650004
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1877
Total Pages154
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size69 MB
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