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________________ श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-३ // 1632 // | 41 शतके उद्देशकः 1-196 सूत्रम् 867-868 राशियुग्मशतकम्। कओ उवव०?,एवं चेव नवरंजेसुतेउलेस्सा अत्थि तेसुभाणियव्वं, एवं एएविकण्हलेस्सासरिसा चत्तारि उद्देसगा कायव्वा / सेवं भंते! 2 // 41-20 // एवं पम्हलेस्साएवि चत्तारि उद्देसगा कायव्वा पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं मणुस्साणं वेमाणियाण य एएसिं पम्हलेस्सासेसाणं नत्थि। सेवं भंते! रत्ति॥४१-२४॥जहा पम्हलेस्साए एवंसुक्कलेस्साएविचत्तारि उद्देसगा कायव्वा नवरंमणुस्साणं गमओजहा ओहिउद्देसएसुसेसंतंचेव, एवं एए छसुलेस्सासुचउवीसं उद्देसगा ओहिया चत्तारि, सव्वे ते अट्ठावीसं उद्देसगा भवंति। सेवं भंते! रत्ति // ४१-२८॥१भवसिद्धियरासीजुम्मकडजुम्मनेरइयाणं भंते! कओ उवव०? जहा ओहिया पढमगा चत्तारि उद्देसगा तहेव निरवसेसं एए चत्तारि उद्देसगा। सेवं भंते! रत्ति // 41-32 // 2 कण्हलेस्सभवसिद्धियरासीजुम्मकडजुम्मनेरइया णं भंते! कओ उवव०?, जहा कण्हलेस्साए चत्तारि उद्देसगा भवंति तहा इमेवि भवसिद्धियकण्हलेस्सेहिवि चत्तारि उद्देसगा कायव्वा // 41-36 // 3 एवं नीललेस्सभवसिद्धिएहिवि चत्तारि उद्देसगा कायव्वा // 41-40 // 4 एवं काउलेस्सेहिवि चत्तारि उद्देसगा // 41-44 // 5 तेउलेस्सेहिवि चत्तारि उद्देसगा ओहियसरिसा ।।४१-४८॥६पम्हलेस्सेहिवि चत्तारि उद्देसगा॥४१-५२।७ सुक्कलेस्सेहिवि चत्तारि उद्देसगा ओहियसरिसा, एवं एएविभवसिद्धिएहिवि अट्ठावीसंउद्देसगाभवंति।सेवं भंते! रत्ति ॥४१-५६॥१अभवसिद्धियरासीजुम्मकडजुम्मनेरइया णं कओ उवव० जहा पढमो उद्देसगो नवरं मणुस्सा नेरइया य सरिसा भाणियव्वा, सेसं तहेव / सेवं भंते! 2 / एवं चउसुविजुम्मेसु चत्तारि उद्देसगा।२ कण्हलेस्सअभवसिद्धियरासीजुम्मकडजुम्मनेरइया णं भंते! कओ उवव०?, एवं चेव चत्तारि उद्देसगा, 3 एवं नीललेस्सअभव० चत्तारि उद्देसगा 4 काउलेस्सेहिविचत्तारि उद्देसगा५ तेउलेस्सेहिवि चत्तारि उद्देसगा 6 पम्हलेस्सेहिवि चत्तारि उद्देसगा७ सुक्कलेस्सअभवसिद्धिएविचत्तारि उद्देसगा, एवं एएसु अट्ठावीसाएवि अभवसिद्धियउद्देसएसुमणुस्सा नेरइयगमेणं नेयव्वा / सेवंभंते! रत्ति। एवं एएवि अट्ठावीस उद्देसगा॥४१-८४॥१सम्मदिट्ठीरासीजुम्मकडजुम्मनेरइया णंभंते! कओ उवव०?, & // 1632 //
SR No.600445
Book TitleVyakhyapragnaptisutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages562
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size38 MB
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