________________ श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय. वृत्तियुतम् भाग-३ // 1593 // व्याख्येयमिह स्तोकं स्तोका व्याख्या तदस्य विहितेयम्। न ह्योदनमात्रायामतिमात्रं व्यञ्जनं युक्तम् // 1 // 33 शतके अवान्तर शतक: 12 सूत्रम् 844-849 एकेन्द्रिय भेदादिः ॥इति श्रीमच्चन्द्रकुलनभोनभोमणिश्रीमदभयदेवाचार्यवर्यविहितविवरणयुतं श्रीमद्भगवतीवृत्तौ त्रयस्त्रिंशंशतकं समाप्तम् // 1593 //