________________ श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-३ // 1328 // 20 शतके उद्देशक: 10 सूत्रम् 687 कतिसंचितादि जाव वणकाइयावि, बेंदिया जाव वेमाणिया, सिद्धा जहा ने०।१६ एएसिणं भंते! नेरइयाणं छक्कसणं नोछक्कसणं छक्केण य नोछक्केण य स०णं छक्केहि य समजि० छक्केहि य नोछक्केण य सम० कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा?, गोयमा! सव्वत्थोवा ने० छक्कसमज्जिया, नोछक्कसम संखेजगुणा, छक्केण य नोछक्केण य सम० संखेजगुणा, छक्केहि य सम० असंखेजगुणा, छक्केहि य नोछक्केण य सम० संखेनगुणा एवं जाव थणियकुमारा। 17 एएसिणं भंते! पु०काइयाणं छक्केहिं समज्जियाणं, छक्केहि य नोछक्केण यसम०णं कयरे 2 जाव विसे० वा?, गोयमा! सव्वत्थोवा पु०काइया छक्केहिं समजिया, छक्केहि य नोछक्केण यसम० संखेजगुणा, एवं जाव वणकाइयाणं, बेइंदियाणं जाव वेमा० जहा नेरइयाणं। 18 एएसिणं भंते! सिद्धाणं छक्कसम०णं नोछक्कसम०णं जाव छक्केहि य नोछक्केण यसम०ण य कयरे 2 जाव विसे० वा?, गोयमा ! सव्वत्थोवा सिद्धा छक्केहि य नोछक्केण यसम०, छक्केहिं सम० संखेजगुणा, छक्केण यनोछक्केण यसम० संखेज्जगुणा, छक्कसम संखेनगुणा, नोछक्कसम संखेनगुणा / 19 नेरइया णं भंते! किं बारससमजिया 1 नोबारसम० 2 बारसएण य नोबारसएण य सम० 3 बारसएहिं सम० 4 बारसएहिं नोबारसएण य सम०वि 5?, गोयमा! नेरतिया बारससम०वि जाव बारसएहि य सम०वि, से केणट्टेणं जावसम वि?, गोयमा! जेणं ने बारसएणं पवेसणएणं पविसंति, तेणं ने० बारससम०१जेणं ने० ज० एक्केण वा दोहिंवा तीहिंवा उ० एक्कारसएणं पवेसणएणं पवि०, तेणं ने० नोबारससम० 2 जे णं ने बारसएणं अन्नेण य ज० एक्केण वा दोहिं वा तीहिं वा उ० एक्कारसएणं पवेसणएणं पवि०, ते णं ने० बारसएण य नोबारसएण यसम०३ जेणं ने० णेगेहिं बारसएहिं पवेसणगंपवि०, ते णं ने बारसएहिं सम० 4 जेणं ने० णेगेहिं बारसएहिं अन्नेण यज एक्केण वा दोहिं वा तीहिं वा उ० एक्कारसएणं पवेसणएणं पवि०, तेणं ने० बारसएहि य नोबारसएण यसम०५, से तेणटेणं जावसम०वि, एवं जाव थणियकुमारा, 20 पु०काइयाणं पुच्छा गोयमा! पु०काइया नोबारसस०१नो नोबारसस० 2 नोबारसएण