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________________ २०शतके श्रीभगवत्यङ्गं श्रीअभयवृत्तियुतम् भाग-३ // 1309 // उद्देशकः५ सूत्रम् 669 बादरस्कन्ये वर्णादि परिणाम: सोलस भंगा भाणियव्वा, सव्वे कक्खडे, देसा गरुया देसा लहुया, देसे सीए देसे उसिणे, देसे निद्धे देसे लुक्खे, एएवि सोलस भंगा भाणियव्वा, एवमेते चउसर्टि भंगा कक्खडेणं समं, सव्वे मउए, देसे गरुए देसे लहुए, देसे सीए देसे उसिणे, देसे निद्धे देसे लुक्खे। एवं मउएणविसमंचउसद्धिं भंगा भाणियव्वा, सव्वे गरुए, देसे कक्खडे देसे मउए, देसे सीए देसे उसिणे, देसे निद्धे देसे लुक्खे, एवं गरुएणवि समं चउसटुिं भंगा कायव्वा, सव्वे लहुए, देसे कक्खडे देसे मउए, देसे सीए देसे उसिणे, देसे निद्धे देसे लुक्खे, एवं लहुएणवि समं चउसद्धिं भंगा कायव्वा, सव्वे सीए, देसे कक्खडे देसे मउए, देसे गरुए देसे लहुए, देसे निद्धे देसे लुक्खे, एवं सीतेणवि समं चउसढि भंगा कायव्वा, सव्वे उसिणे, देसे कक्खडे देसे मउए, देसे गरुए देसे लहुए, देसे निद्धे देसे लुक्खे, एवं उसिणेणवि समं चउसद्धिं भंगा कायव्वा, सव्वे निद्धे, देसे कक्खडे देसे मउए, देसे गरुए देसे लहुए, देसे सीए देसे उसिणे, एवं निद्धेणविचउसद्धिं भंगा कायव्वा, सव्वे लुक्खे, देसे कक्खडे देसे मउए, देसे गरुए देसे लहुए, देसे सीए देसे उसिणे, एवं लुक्खेणवि समं चउसद्धिं भंगा कायव्वा जाव सव्वे लुक्खे, देसा कक्खडा देसा मउया, देसा ग० देसा ल०, देसा सीया देसा उसिणा, एवं सत्तफासे पंचबारसुत्तरा भंगसया भवंति। जइ अट्ठफासे देसे कक्खडे देसे मउए, देसे गुरुए देसे लहुए, देसे सीए देसे उसिणे, देसे निद्धे देसे लुक्खे 4 देसे कक्खडे देसे मउए, देसे गरुए देसे लहुए, देसे सीए देसा उसिणा, देसे निद्धे देसे लुक्खे 4 देसे कक्खडे देसे मउए, देसे गरुए देसे लहुए, देसा सीया देसे उसिणे, देसे निद्धे देसे लुक्खे 4 देसे कखडे देसे मउए, देसे गरुए देसे लहुए, देसा सीया देसा उसिणा, देसे निद्धे देसे लुक्खे 4 एए चत्तारि चउक्का सोलस भंगा, देसे कक्खडे देसे मउए, देसे गरुए देसा लहुया, देसे सीए देसे उसिणे, देसे निद्धे देसे लुक्खे, एवं एते गरुएणं एगत्तएणं लहुएणं पोहत्तएणं सोलस भंगा कायव्वा, देसे क० देसे मउए, देसा ग० देसे लहुए, देसे सीए देसे उसिणे, देसे निद्धे देसे लुक्खे 4 एएवि सोलस भंगा कायव्वा, देसे क० देसे मउए, देसाग० देसाल०, देसे सीए 8 // 1309 //
SR No.600445
Book TitleVyakhyapragnaptisutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages562
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size38 MB
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