________________ श्रीभगवत्यङ्गं श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-३ // 1299 // 20 शतके उद्देशकः५ सूत्रम् 668 परमाण्वादिवर्णादिः कालगहालिहसुकिल्लेसु 7 नीलगलोहियहालिद्देसु 7 नीलगलोहियसुकिल्लेसु सत्त भंगा 7 नीलगहालिद्दसुकिल्लेसु 7 लोहियहालिद्दसुकिल्लेसुवि सत्तभंगा 7 एवमेते तियासंजोएएए सत्तरि भंगा, जइचउवन्ने सिय कालए य, नीलए, लो०ए, हा०एय १सिय कालए य, नीलए य, लो॰ए य, हाल्लिद्दगा य 2 सिय कालए य, नीलए य, लोहियगा य, हालिद्दगे य 3 सिय कालए, नीलगा य, लोगे य, हागे य 4 सिय कालगा य, नीलए य, लो०ए य, हा०ए य 5 एए पंच भंगा, सिय कालए य, नीलए य, लो०ए य, सुकिल्लए य एथविपंच भंगा, एवं कानीव्हा सुकिल्लेसुविपंच भंगा, का०लोव्हा०स०एसुविपंच भंगा५, नी०लोव्हा सुकिल्लेसुवि पंच भंगा, एवमेते चउक्कगसंजोएणं पणवीस भंगा, जइ पंचवन्ने कालए य, नीलए, लो०ए, हा०ए, सु०ए सव्वमेते एक्कगदुयगतियगचउक्कपंचगसंजोएणं ईयालं भंगसयं भवति ।गंधा जहा चउप्पएसियस्स / रसा जहा वन्ना। फासा जहा चउप्पएसियस्स ॥६छप्पएसिएणं भंते! खंधे क०?,एवं जहा पंचपएसिएजाव सिय चउफासे पन्नत्ते, जइ एगवन्ने एगवन्नदुवन्ना जहा पंचपएसियस्स, जइ तिवन्ने सिय कालए य, नीलए य, लो०ए य, एवं जहेव पंचपएसियस्स सत्तभंगा जाव सिय कालगाय, नीलगा य, लो०ए य 7 सिय कालगा य, नीलगा य, लोगा य 8 एए अट्ठ भङ्गा एवमेते दस तियासंजोगा एकेक्कए संजोगे अट्ट भंगा एवं सव्वेवि तियगसंजोगे असीति भंगा, जड़ चउवन्ने सिय कालए य, नीलए य, लो०ए य, हा०ए य१सिय कालए य, नीलए य, लो०ए य, हाव्या य, 2 सिय कालए य, नीलए य, लोहिया य, हालिद्दए य 3 सिय कालगेय, नीलगे य, लोगा य, हा०ए य 4 सिय कालगे य, नीलगाय, लो०ए य, हा०ए य, ५सिय कालए य, नीलगाय, लो०ए, हा गाय 6 सिय कालगे य, नीलगाय, लोगाय, हा०ए य 7 सिय कालगाय, नीलए य, लो०ए य, हा०ए य 8 सिय कालगा, नीलए, लो०ए, हागा य ९सिय कालगा, नीलगे, लोगा य, हागेय 10 सिय कालगाय, नीलगाय, लो०ए य, हा॰ए य 11 एए एक्कारसभंगा, एवमेते पंचचउक्कासंजोगा कायव्वा एक्के // 12