SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 131
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रीभगवत्यङ्गं श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-३ // 1209 // 17 शतके उद्देशक:३ सूत्रम् 599 चलनात देदाच सूत्रम् 600 संवेगादिफलम् तिविहा प०, तं०- मणजोगच० वइजोगच० कायजोगच०, 12 से केणटेणं भंते! एवं वु० ओरालियसरीरच० 2?, गोयमा! जेणं जीवा ओसरीरे वट्टमाणा ओसरीरपयोगाईदव्वाईओसरीरत्ताए परिणामेमाणा ओसरीरचलणंचलिंसुवाचलंति वा चलिस्संति वा से तेणटेणं जाव ओसरीरचलणा०२, 13 से केण० भंते! एवं वु० वेउब्वियसरीरचलणा वेउ०, एवं चेव नवरं वेउब्वियसरीरे वट्टमाणा एवं जाव कम्मगसरीरचलणा, 14 से केण० भंते! एवं वु० सोइंदियच० 2?, गोयमा! जन्नं जीवा सोइंदिए वट्टमाणा सोइंदियपाओगाई दव्वाइं सोइंदियत्ताए परिणामेमाणा सोइंदियचलणं चलिंसु वा चलंति वा चलिस्संति वा से तेण० जाव सोतिंदियच०२, एवं जाव फासिंदियचलणा, 15 से केणटेणं एवं वु० मणोजोगच०२?, गोयमा! जण्णं जीवा मणजोए वट्टमाणा मणजोगप्पाओगाई दव्वाई मणजोगत्ताए परिणामेमाणा मणजोगचलणं चलिंसु वा चलिंति वा चलिस्संति वा से तेणद्वेणं जाव मणजोगच० 2, एवं वइजोगचलणावि, एवं कायजोगचलणावि।सूत्रम् 599 // 16 अह भंते! संवेगे निव्वेए गुरुसाहम्मियसुस्सूसणया आलोयणया निंदणया गरहणयाखमावणया सुयसहायता विउसमणया भावे अप्पडिबद्धया विणिवट्टणया विवित्तसयणासणसेवणया सोइंदियसंवरे जाव फासिंदियसंवरे जोगपच्चक्खाणे सरीरपच्चक्खाणे कसायपच्च० संभोगपच्च० उवहिप० भत्तपञ्च० खमा विरागया भावसच्चे जोगसच्चे करणसच्चे मणसमण्णाहरणया वयसमन्नाहरणया कायसमन्नाहरणया कोहविवेगे जावमिच्छादसणसल्लविवेगे णाणसंपन्नया दंसणसं० चरित्तसं० वेदणअहियासणया मारणंतियअहियासणया एएणंभन्ते! पया किंपज्जवसणफला प०?,समणाउसो! गोयमा! संवेगे निव्वेगेजावमारणंतियअहियास० एएणं सिद्धि पज्जवसाणफला पं० समणाउसो! ॥सेवं भंते! 2 जाव विहरति ॥सूत्रम् 600 / / 16-3 // कईत्यादि, चलण त्ति एजनैव स्फुटतरस्वभावा सरीरचलण त्ति शरीरस्य-औदारिकादेश्चलना तत्प्रायोग्यपुद्गलानांतद्रूपतया 3 // 1209 //
SR No.600445
Book TitleVyakhyapragnaptisutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages562
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size38 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy