________________ श्रीभगवत्यङ्गं श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-२ // 990 // चेव जाव नोआयाति य॥२१ आया भंते! चउप्पएसिएखंधे अन्ने० पुच्छा, गोयमा! चउप्पएसिए खंधे सिय आया 1 सिय नोआया 2 सिय अवत्तव्वं आयाति य नोआयाति य 3 सिय आया य नोआया य 4 सिय आया य अवत्तव्वं 4 सिय आया य नोआया य अवत्तव्वं आयाति यनोआयाति य 16 सिय आयाय नोआया य अवत्तव्वाइं आयाओयनोआयाओय 17 सिय आया य नोआयाओ य अवत्तव्वं आयाति य नोआयाति य 18 सिय आयाओय नोआया य अवत्तव्वं आयाति य नोआयाति य 19 / 22 से केण० भंते! एवं वु० चउप्पएसिए खंधे सिय आया य नोआया य अवत्तव्वंतंचेव अढेपडिउच्चारेयव्वं? गोयमा! अप्पणो आदिढे आया 1 परस्स आदिढे नोआया 2 तदुभयस्स आ० अवत्तव्वं आयाति य नोआयाति य 3 देसे आ० सब्भावपज्जवे देसे आ० असब्भावपज्जवे चउभंगो, सम्भावपज्जवेणं तदुभयेण य चउभंगो असब्भावेणं तदुभयेण य चउभंगो, देसे आ० सम्भावपज्जवे देसे आ० असब्भावपज्जवे देसे आ० तदुभयपज्जवे चउप्पएसिए खंधे आया य नोआया य अवत्तव्वं आयाति य नोआयाति य, देसे आ० सन्भावपज्जवे देसे आ० असन्भावपज्जवे देसा आ० तदुभयपज्जवा चउप्पएसिएखंधे भवइ आया य नोआया य अवत्तव्वाइं आयाओ य नोआयाओ य 17 देसे आ० सब्भावपज्जवे देसा आ० असब्भावपज्जवा देसे आ० तदुभयपज्जवे चउप्पएसिए खंधे आया य नोआयाओ य अवत्तव्वं आयाति य नोआयाति य 17 देसा आ० सब्भावपज्जवा देसे आ० असन्भावप० देसे आ० तदुभयपज्जवे चउप्पएसिए खंधे आयाओ य नोआया य अवत्तव्वं आयाति य नोआयाति य 19 से तेण० गोयमा! एवं वु० चउप्पएसिएखंधे सिय आया सिय नोआया सिय अवत्तव्वं निक्खेवे तेचेव भंगा उच्चारेयव्वा जाव नोआयाति य॥२३ आया भंते! पंचपएसिए खंधे अन्ने पंचपएसिएखंधे?, गोयमा! पंचपएसिएखंधे सिय आया१सिय नोआया रसिय अवत्तव्वं आयाति य नोआयाति य 3 सिय आया य नोआया य सिय अवत्तव्वं 4 नोआया य अवत्तव्वेण य ४तियगसंजोगे एक्कोण पडइ, 24 सेकेणद्वेणं भंते! तंचेवपडिउच्चारेयव्वं?, 12 शतके उद्देशक:१० आत्मभेदाधिकारः। सूत्रम् 469 रत्नप्रभादियावत्सिद्धशिलासदसद्रूपप्रश्नाः / परमाणुव्यणुकसदसद्रूपत्वतद्धत्वादिप्रश्नाः / त्रिचतुःपञ्चप्रदेशिकानामात्मादि विविधभङ्गाः। // 990 //