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________________ श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-२ // 974 // अणंतरं उव्वट्टित्ता पुच्छा, गोयमा! नेरइएसु उव० नो तिरि० नो मणु० णो देवेसु उव०, जइ नेरइएसु उववनंति, सत्तसुवि पुढवीसु उव० / 26 धम्मदेवाणं भंते! अणंतरं पुच्छा गोयमा! नो नेरइएसु उववजेजा नो तिरि० नो मणु० देवेसुउववखंति, 27 जइ देवेसु उव० किं भवणवासि पुच्छा, गोयमा! नो भवणवासिदेवेसु उव० नोवाणमंतर० नोजोइसिय० वेमाणियदेवेसु उव०, सव्वेसुवेमाणिएसु उव० जाव सव्वट्ठसिद्ध अणुत्तरोववाइएसु जाव उव०, अत्थेगइया सिझंति जाव अंतं करेंति / 28 देवाधिदेवा अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छंति कहिं उव०?, गोयमा! सिज्झंति जाव अंतं करेंति / 29 भावदेवा णं भंते! अणंतरं उव्वट्टित्ता पुच्छा जहा वक्त्रंतीए असुरकुमाराणं उव्वट्टणा तहा भाणियव्वा // 30 भवियदव्वदेवेणं भंते! भवियदव्वदेवेत्ति कालओ केवचिरं होइ?, गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं,एवं जहेव ठिई सच्चेव संचिट्ठणावि जाव भावदेवस्स, नवरं धम्मदेवस्स जह• एक्कं समयं उ० देसूणा पुव्वकोडी // 31 भवियदव्वदेवस्सणं भंते! के० कालं अंतरंहोइ?,गोयमा! जह• दसवाससहस्साइं अंतोमुत्तमब्भहियाई उ० अणंतं कालं वणस्सइकालो। 32 नरदेवाणं पुच्छा, गोयमा! ज० सातिरेगं सागरोवमं उ० अणंतं कालं अवडं पोग्गलपरियट्ट देसूणं / ३३धम्मदेवस्स णंपुच्छा, गोयमा! ज० पलिओवमुहत्तं उ० अणंतं कालं जाव अवडंपोग्गलपरियटुंदेसूणं / 34 देवाधिदेवाणं पुच्छा, गोयमा! नत्थि अंतरं। 35 भावदेवस्सणं पुच्छा, गोयमा! ज. अंतो० उ० अणंतं कालंवणस्सइकालो॥३६ एएसिणं भंते! भवियदव्वदेवाणं नरदेवाणंजावभावदेवाण य कयरे २जाव विसेसाहिया वा?, गोयमा! सव्वत्थोवा नरदेवा देवाधिदेवा संखेनगुणा धम्मदेवा संखेनगुणा भवियदव्वदेवा असंखेनगुणा भावदेवा असंखेज्जगुणा॥सूत्रम् 465 // 37 एएसिणंभंते! भावदेवाणं भवणवासीणं वाणमंतराणंजोइसियाणं वेमाणियाणं सोहम्मगाणंजाव अच्चुयगाणं गेवेजगाणं अणुत्तरोववाइयाण यकयरे 2 जाव विसेसाहिया वा?, गोयमा! सव्वत्थोवा अणुत्तरो० भावदेवा उवरिमगेवेजा भावदेवा संखेन्जगुणा 12 शतके उद्देशक:९ देवभेदाधिकारः। सूत्रम् 465 देवपश्चकानां गतिस्थिति परस्परांतर तेषामल्पबहुत्वादिप्रश्नाः / सूत्रम् 466 भावदेवानामल्पबहुत्वप्रश्नाः / // 974 //
SR No.600444
Book TitleVyakhyapragnaptisutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages574
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size15 MB
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