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________________ श्रीभगवत्य श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-२ // 855 // केवइयंकालं सेवेजा के कालं गतिरागतिं कजइ?, गोयमा! भवादेसेणंज० दो भवग्गहणाई उ० संखेजाइंभवग्गहणाई, कालादेसेणं ज० दो अंतोमुहुत्ता उ० संखेनं कालं ए. काल सेवेज्जा एवतियं कालं गतिरागतिं कज्जइ, एवं तेइंदियजीवे, एवं चरिंदियजीवेवि, 35 से णं भंते! उप्पलजीवे पंचेंदियतिरिक्खजोणियजीवे पुणरवि उप्पलजीवेत्ति पुच्छा, गोयमा! भवादेसेणंज दो भवग्गहणाई उ० अट्ठभवग्गहणाइंकालादेसेणंज दो अंतोमुहुत्ताइंउ० पुव्वकोडिपुहुत्ताइए० कालं से० ए० कालंगतिरागतिक०, एवं मणुस्सेणवि समंजाव ए० कालं गतिरागतिं क०२८।३६ ते णं भंते! जीवा किमाहारमाहारेंति?, गोयमा! देव्वओ अणंतपएसियाइंदव्वाई एवं जहा आहारुद्देसए वणस्सइकाइयाणं आहारो तहेव जाव सव्वपणयाए आहारमाहारेंति नवरं नियमा छद्दिसिं सेसंतं चेव 29 / 37 तेसि णं भंते! जीवाणं के० कालं ठिई प.?, गोयमा! ज० अंतोमुहत्तं उ० दस वाससहस्साई 30 / 38 तेसिणं भंते! जीवाणं कति समुग्घाया प०?, गोयमा! तओ समुग्घाया प०, तंजहा- वेदणासमुग्घाए कसायस० मारणंतियस० 31 / 39 ते णं भंते! जीवा मारणंतियसमुग्घाएणं किं समोहया मरंति असमोहया मरंति?,गोयमा! समोहयावि मरंति असमोहयावि मरंति 32 // 40 ते णं भंते! जीवा अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिंगच्छंति कहिं उववजंति किं नेरइएसु उववजंति तिरिक्खजोणिएसु उवव० एवं जहा वक्वंतीए उवट्टणाए वणस्सइकाइयाणं तहाभाणियव्वं / 41 अह भंते! सव्वपाणा सव्वभूया सव्वजीवा सव्वसत्ता उप्पलमूलत्ताए उ०कंदत्ताए उन्नालत्ताए उ०पत्तत्ताए उ०केसरत्ताए उ०कन्नियत्ताए उ०थिभुगत्ताए उववन्नपुव्वा?, हंता गोयमा! असंति अदुवा अणंतक्खुत्तो। सेवं भंते! रत्ति 33 // सूत्रम् 409 / / उप्पलहेसए॥११-१॥ 1 उप्पले त्यादि, उत्पलार्थः प्रथमोद्देशकः 1, सालु त्ति शालूकमुत्पलकन्दस्तदर्थो द्वितीयः 2, पलासे त्ति पलाशः किंशुकस्तदर्थस्तृतीयः 3, कुंभी ति वनस्पतिविशेषस्तदर्थश्चतुर्थः 4, नाडीवद्यस्य फलानि स नाडीको वनस्पतिविशेष एव 11 शतके उद्देशकः 1 उत्पलाधिकारः। सङ्ग्रहगाथा सूत्रम् 409 उत्पलस्यैकानेकजीवीत्व कुतरागमत्व परिमाणोत्पातावगाहना कर्मबन्धवेदोदयत्वादिलेश्योपयोगादिकायस्थिति अन्यगमनसर्वजीवोत्पादादिप्रश्राः। // 855 //
SR No.600444
Book TitleVyakhyapragnaptisutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages574
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size15 MB
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