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________________ श्रीभगवत्यङ्गं श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-१ // 531 // ४णायमेयं अरहया सुयमेयं अरहया विन्नायमेवं अरहया महासिलाकंटए संगामे 2 // महासिलाकंटएणं भंते! संगामे वट्टमाणे के जइत्था के पराजइत्था?, गोयमा! वजी विदेहपुत्तेज०, नवमल्लई नवलेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारसविगणरायाणो पराज०॥तए णं से कोणिए राया महासिलाकंटकं संगामं उवट्ठियं जाणित्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ(ई) रत्ता एवं व०-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! उदाईहत्थिरायं पडिकप्पेह हयगयरहजोहकलियं चाउरंगिणिं सेणं सन्नाहेह रत्ता मम एयमाणत्तियं खिप्पामेव पञ्चप्पिणह / तएणं ते कोडुबियपुरिसा कोणिएणं रन्ना एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ठ जाव अंजलिं कटु एवं सामी! तहत्ति' आणाए विणएणं वयणं पडिसुणंति २त्ता खिप्पामेव छेयायरियोवएसमतिकप्पणाविकप्पेहिं सुनिउणेहिं एवं जहा उववाइए जाव भीमं संगामियं अउज्झं उदाइंहत्थिरायं पडिकप्पेंति हयगय जाव सन्नाहेति रत्ता जे० कूणिए राया ते० उवाग० ते. उवागच्छइत्ता (च्छित्ता)करयल• कूणियस्स रन्नो तमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति, तए णं से कू० राया जे० मज्जणघरे ते. (गच्छइ) उवाग० ते. उवा०त्ता मज्जणघरं अणुप(प्प)विसइ म० अणु० ण्हाए कयबलिकम्मे कयकोउयमंगलपायच्छित्ते सव्वालंकारविभूसिए सन्नद्धबद्धवम्मियकवए उप्पीलियसरासणपट्टिए पिणद्धगेवेज्जे विमलवरबद्धचिंधपट्टे गहियाउहप्पहरणे सकोरिं(रं)टमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं चउचामरवा(बा)लवीतियंगे मंगलजयसद्दकयालोए एवं जहा उववाइए जाव उवागच्छित्ता उदाइंहत्थिरायं दुरूढे, तएणं से कू० राया हारोत्थयसुकयरइयवच्छे जहा उववाइए जाव सेयवरचामराहिं उद्धव्वमाणीहिं 2 हयगयरहपवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सद्धिं संपरिवुडे महया भडचडगरविंदपरिक्खित्ते जेणेव महासिलाएकंटए संगामे ते उवाग० ते. उवा०त्ता महासिलाकंटयंसं० ओयाए, पुरओय से सक्के देविंदे देवराया एगं महं अभेजकवयं वइरपडिरूवगं विउव्वित्ताणं चिट्ठति(इ), एवं खलु दो इंदा संगाम संगामेंति, तंजहा- देविंदेय मणुइंदे य, एगहत्थिणाविणं पभूकू० राया पराजिणि(इ)त्तए, तए णं से कू० राया महासिलाकंटकं सं० संगामेमाणे नव मल्लइ नव 7 शतके उद्देशक:९ असंवृतानगाराधिकारः। सूत्रम् 300 कण्टकसंग्रामे जयपराजय प्रश्नाः / तदभिधानकारणजनसंहारादि प्रश्राः / 8 // 531 //
SR No.600443
Book TitleVyakhyapragnaptisutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages578
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size39 MB
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