SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 315
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [1] उपक्रमः। शा०उपक्रमः। श्रीअनुयोगद्वारंमलधारि श्रीहेमचन्द्रसूरि वृत्ति युतम्। // 293 // जहं अन्तो० उक्कोसेणं तिण्णि राइंदियाई। अपजत्तयबायरतेउकाइयाणंजाव गो० जहं अन्तो० उक्को० अन्तो०, पज्जत्तयबायर तेउकाइयाणं जाव गो० जहं० अंतोमु० उक्कोसेणं तिण्णि राइंदियाई अंतोमुहत्तूणाई। (4) वाउका जाव गो० जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उक्को० तिण्णि वाससहस्साई।सुहुमवाउ० ओहियाणं अपज्जत्तयाणं पजत्तयाण य तिण्हविजहण्णे(ऽवि) अंतो० उक्कोसे० अं० / बादरवा० जाव गो० जहं० अन्तो० उक्को तिण्णि वाससहस्साई। अपज्जत्तयबादरवाउकाइ० जाव गो० जहं० अं० उक्कोसेणवि अं०, पज्जत्तगबादरवाउकातियाणं जाव गो० जह० अंतोमुहत्तं उक्को० तिण्णि वा० अंतोमुहत्तूणाई। (5) वणस्सइकाइयाणं जाव गो० जहन्नेणं अं० उक्को० दस वाससहस्साई।सुहु(मवणस्सइका०)माणं ओहियाणं अपज्जत्तयाणं पज्जत्तयाण य तिण्हविजह (ण्णेणवि) अंतोमु० उक्कोसे० अं०। बादरवणस्सइकाइयाणंभंते कवइयंकालं ठिती पन्नत्ता? गो० जहं० अंतो० उक्को० दस वाससहस्साई। अपज्जत्तयाणं० जाव गो० जहन्नेणं० अं० उक्कोसे० वि अंतो० / पजत्तयबादरवण जाव गो० जहन्नेणं अं० उक्कोसेणं दस वास० सह० अंतोमुहुत्तूणाई॥ सूत्रम् 385 // (1) बेइंदियाणं (भंते! केव० पं०?,) जाव गो०! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उक्को० बारस संवच्छराणि / अपज्जत्तय (बेइंदिआणं पुच्छा) जाव गोतमा! जहन्नेणवि अंतोमुहत्तं उक्कोसेणवि अं०।पज्जत्तयाणं(बेई०) जाव गो० जह० अं० उक्को० बारस सं० अंतोमुहुत्तूणाई। (2) तेइंदियाणं (पुच्छा) जाव गो०! जह० अं० उक्को० एकूणपण्णासं राइंदियाई। अपज्जत्तय (तेइंदिआणं पुच्छा) जाव गो०! जह(ण्णेणवि) अंतो० उक्कोसे० अं० / पज्जत्तय (तेइं० पुच्छा) जाव गो०! जह० अंतोमुहत्तं उक्को० एकूणपण्णासं राइंदियाई अंतोमुहत्तूणाई। (3) चउरिंदियाणं (भंते! केवल० पं०?) जाव गो०! जहं० अंतो० उक्को० छम्मासा / अपज्जत्तय (चउरिंदिआणं Oगा। 0 वी। ©ग। गु। 1.3 प्रमाणम्। द्रव्यादिचतुर्भेदाः सूत्रम 384-391 1.3.3 कालप्रमाणम्। 1.3.3.2 विभानि औप० कालः। 1.3.3.2.1-2 ii.अद्धापल्योपम सागरोपमयोरसुरकुमारादिशेष दण्डकानामायु:स्थिति द्वारेण कथनम्। // 293 //
SR No.600442
Book TitleAnuyogdwar Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size31 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy