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________________ श्रीअनुयोगद्वारंमलधारि श्रीहेमचन्द्रसूरि वृत्तियुतम्। // 230 // [1] उपक्रमः। शा० उपक्रमः। 1.2 नाम। तत्तोय अस्सिलेसा 7 मघाओ 8 दो फग्गुणीओ य९-१०॥८६॥ हत्थो 11 चित्ता 12 सादी 13 (य) विसाहा 14 तह य होइ अणुराहा 15 / जेट्ठा 16 मूलो 17 पुव्वासाढा 18 तह उत्तरा १९चेव // 87 // अभिई 20 सवण 21 धणिट्ठा 22 सतिभिसदा 23 दो य होंति भद्दवया 24-25 / रेवति 26 अस्सिणि 27 भरणी 28 एसा नक्खत्तपरिवाडी॥८८॥सेत्तं नक्खत्तनामे ॥सूत्रम् 285 // से किं तं देवयणामे? 2- अग्गिदेवयाहिं जाते अग्गिए अग्गिदिण्णे अग्गिधम्मे अग्गिसम्मे अग्गिदेवे अग्गिदासे अग्गिसेणे अग्गिरक्खिए। एवं पिसव्वनक्खत्तदेवतनामा भाणियव्वा / एत्थं पिय संगहणिगाहाओ, तंजहा-अग्गि 1 पयावइ 2 सोमे 3 रुद्दे 4 अदिती 5 बहस्सई 6 सप्पे 7 / पिति 8 भग 9 अन्नम 10 सविया 11 तट्ठा 12 वायूँ 13 य इंदग्गी 14 // 89 // मित्तो 15 इंदो 16 णिरिती 17 आऊ 18 विस्सो १९य बंभ 20 विण्हू य 21 / वसु 22 वरुण 23 अय 24 विवद्धी 25 पूसे 26 आसे 27 जमे 28 चेव॥९०॥सेतं देवयणामे।सूत्रम् 286 // से किं तं कुलनामे? 2- उग्गे भोगे राइण्णे खत्तिए इक्खागे णाते कोरव्वे / सेत्तं कुलनामे // 287 // से किंतं पासंडनामे? 2 समणए पंडरंगए भिक्खूकावालियए तावसए परिव्वायगे। सेतं पासंडनामे / / 288 // से किं तं गणनामे?२- मल्ले मल्लदिन्ने मल्लधम्मे मल्लसम्म मल्लदेवे मल्लदासे मल्लसेणे मल्लरक्खिए।सेतं गणनामे ॥सूत्रम् 289 // Oमहा उ। ती। 0ला। या। 'अग्गिसम्मे अग्गिधम्मे' इति वर्तते। 0रुद्दो। 0 वि। / Oद्धि। समणे य पंडुरंगे। (r) लिए। ®वा। सूत्रम् 284-291 1.2.10 दशनाम। 1.2.10.10 प्रमाणनाम। 1.2.10.10.2 स्थापनाप्रमाणनाम। नक्षत्रादि सप्तभेदास्तेषाच कार्तिकादि प्रभेदाः। // 230 //
SR No.600442
Book TitleAnuyogdwar Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size31 MB
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