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________________ श्रीदशवैकालिक श्रीहारि० श्रीदश वैकालिकसूत्रस्या वृत्तियुतम् 427 // 14 // सूत्रम् नियुक्ति: भाष्यम् पृष्ठः / क्रम: विषयः सूत्रम् नियुक्तिः भाष्यम् पृष्ठः 10.11 निगमनम्। - 356-358 - 408 निदर्शनम्। 9-14 - 10.12 षट्कायाविराधको 11.7 उपदेशोपसंहारौ। 15-18 - भिक्षुः। 409 // द्वितीया विविक्त१०.१३ भिक्षुस्वरूपः चर्याचूलिका // 1-16368-371 - 429-438 समसुखदुःखः। 6-15 - 411 |12.1 प्रतिज्ञाचर्या गुणाश्च।१-४ - - 10.14 भिक्षुस्वरूपः अमूर्योऽ 12.2 विहारचर्योगृद्धोऽज्ञातोछः। 16-21 - 413 पदेशाधिकारश्च। 5-9 368-369 - 431-432 11 // प्रथमा रतिवाक्य |12.3 विहारचर्याचूलिका // 1-18356-367 - 416-429 विशेषोऽसीदनगुणो११.१ द्रव्यभावरतिः। - 359-363 - 416 पाय:-शास्त्रोपसंहार११.२ रत्यभिधानोपदर्शनम्। - 364-366 - 417 उपदेशसर्वस्वञ्च। 10-16 - - 434 11.3 उपसंहारः। - - 367 - 418 वक्तव्यताशेष: 11.4 अष्टादशस्थानानि। . 418 (टीकोपसंहारः)। - 370-371 - 438-442 11.5 सीदतः स्थिरीकरणार्थ - वक्तव्यताशेषः मुत्प्रव्रजितस्य (टीकोपसंहारः)। - 370-371 - 438 परितापनानिदर्शनम् / 1-8 - 11.6 सीदतः स्थिरीकरणार्थमुत्प्रव्रजितस्यैहि / / // इति श्रीदशवकालिकसूत्रस्यानुक्रमः।। || कामुष्मिकप्रत्यपाय
SR No.600441
Book TitleDashvaikalik Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyakiritivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_dashvaikalik
File Size34 MB
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