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________________ श्रीदशवैकालिक श्रीहारि० वृत्तियुतम् | श्रीदश वैकालिकसूत्रस्या ien नुक्रमः 222 229 क्रमः विषयः सूत्रम् नियुक्तिः भाष्यम् पृष्ठः / क्रम: विषय: सूत्रम् नियुक्तिः भाष्यम् पृष्ठः 4.7 जीवकर्तृत्वद्वारम्। - 227 50-57 212 4.21 अध्ययनपर्यायशब्दाः।- 233 - 253 4.8 निकायपदव्याख्या। - 228-229 - 216 // पञ्चममध्ययनं 4.9 स्थावरत्रसानां भेदाः। 1 - - 217 पिण्डैषणाख्यम् // 1-100234-244 - 255-298 4.10 द्रव्यभावभेद 5.1 पञ्चमाध्यने पृथिव्यादीनां शस्त्रम्। - 230-231 - प्रथमोद्देशकः। 1-100234-244 - 255-286 4.11 मूलादिजीवस्वरूपं। - 232 58-60 5.1.1 पिण्डस्य एषणायाश्च 12 षट्कायविराधनानि निक्षेपाः। - 234-244 61 255 रूपणम्। 5.1.2 भिक्षागमनविधिः। 1-2 258 4.13 चारित्रधर्मे 5.1.3 आत्मसंयमविराधना।३-८ पञ्चमहाव्रतस्वरूपं। 3-7 231 5.1.4 चतुर्थव्रतयतना। 9-11 चारित्रधर्मे रात्रि 5.1.5 आत्मसंयमविराधना / 12-18 - भोजनविरमणम्। 8-9 238 5.1.6 वर्षोमूत्राधारणम्। 19 264 4.15 पृथिवीकाययतना। 10 241 5.1.7 नीचद्वार४.१६ अप्काययतना। 11 242 परिवर्जनादिः। 20-22 - 265 4.17 तेजस्काययतना। 12 243 5.1.8 असंसक्तप्रलोकनम् / 23-26 - 265 वायुकाययतना। 244 5.1.9 अकल्पिकपरि४.१९ वनस्पतिकाययतना। 14 245 वर्जनादिः। 27-29 - 4.20 षट्काययतना। 246 ५.१.१०सचित्तघट्टनं पुरःगा०१-२८ कर्मादिदोषाश्च। 30-34 - -
SR No.600441
Book TitleDashvaikalik Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyakiritivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_dashvaikalik
File Size34 MB
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