________________ सम्पादकीयम् प्रथमो विभाग: श्रीआवश्यक नियुक्तिभाष्यश्रीहारि० वृत्तियुतम् भाग-१ // 8 // नैगम अनुयोगद्वाराणि उपक्रम निक्षेप अनुगम नय १.आनुपूर्वी २.नाम ३.प्रमाण ४.वक्तव्यता ५.अर्थाधिकार ६.समवतार १.ओघनिष्पन्न नियुक्त्यनुगम सूत्रानुगम १.द्रव्यार्थिकनय १.नाम द्रव्यप्रमाण स्वसमयवक्तव्यता २.नामनिष्पन्न २.पर्यायार्थिकनय २.स्थापना क्षेत्रप्रमाण परसमयवक्तव्यता ३.सूत्रालापकनिष्पन्न ३.द्रव्य कालप्रमाण उभयसमयवक्तव्यता १.निक्षेपनियुक्त्यनुगम संग्रह &४.क्षेत्र भावप्रमाण २.उपोद्घातनिर्युक्त्यनुगम व्यवहार 8५.काल ३.सूत्रस्पर्शिकनिर्युक्त्यनुगम ऋजुसूत्र ६.गणना शब्द ७.उत्कीर्तन / 8. संस्थान समभिरूढ़ 9. सामाचारी एवंभूत १०.भाव एवं चत्वारि अनुयोगद्वाराणि सभेदंप्ररूपितम्। तस्मिन प्रथमे विभागे उपोद्घातनिर्युक्तौ श्रीवीरजिनादिवक्तव्यता समवसरणवक्तव्यता श्रीगणधरवक्तव्यता सामाचारीवक्तव्यताच प्ररूपिता। ___एवं श्रीआवश्यकनिर्युक्तेरध्ययनात् आवश्यकक्रिया भावयुक्तं स्युरिति प्रार्थना। मुनिपुण्यकीर्तिविजयो गणिः। श्री श्रीपालनगर जैन श्वे० मूर्तिपूजक देरासर ट्रस्ट श्रीपालनगर, 12 जमनादास मेहता मार्ग, वालकेश्वर, मुंबई - 400006. विक्रमसं०२०६३ वीर सं०२५३३ // 8 //