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________________ भविष्यदत्तन चरित्रम् नवमोऽधिकार प्रियाविरहवाती मे, मत्वा तोषयते मुदा / किमत्राऽशनिवेगोऽयं, प्राप्तो मनुजमायया // 12 // धैर्यमालम्ब्य भूपालोऽभाणी सात्विकाग्रणी / कस्त्वं नाम्ना निमित्तेन, केन प्राप्तो जिनालये // 13 // तदा चचक्षे यक्षेशः, सुरेशाऽदेशतो नृप! / माप्तोऽहं माणिभद्राख्यः, कार्य मिष्टं निवेदय // 14 // दर्शिता येन वर्णाली, पापितः संपदा पदं / तेन पागजन्मसम्बन्धात्, सुरेण प्रेषितोऽस्म्यहम् // 15 // निद्राभाभयाद्वर्णपडि धृत्वाऽच्युताध्मरः / रक्षणीयः पुरा मित्रं, त्वया मेऽनुपदं सुखः // 16 // इति मामनुशास्य स्वर्ययावच्युतनिर्जरः / इयत्कालं ममाऽपि त्वं, विस्मृतश्चलचेतसः // 17 // तत्साधर्मिकवात्सल्य-पुण्यावाप्त्यै त्वदीहितम् / करवाणि वियोगामिः: शाम्यतां मियसङ्गमात् // 18 // गन्तुं गजपुरे शोधं, विमाने मद्विकुर्विते / आश्रयस्व स्वर्गराज, इव शोभाऽतिभासुरः // 19 // एवमुक्ते तयोः सत्यां विमानं समवातरत् / उद्भासयदव्योममार्गमभितः प्रसरत्करैः // 20 // तदन्तईन्दुमे दाज्जगर्ज वलय दिशां / तेन शारदपायोद-वादलस्य भ्रमोऽभवत् // 21 // साडम्बरं मुरस्त्रीणां, मीतैः संपूरिताम्बरम् / वातनृत्यत्पताकाभिर्व्याप्तं तदभुवमाययौ // 22 // श्रेष्ठिसूस्तद्विमानेनाऽधिख्य पाचलचिवम् / साहीतैः पुरादन-स्वर्णमुक्ताफलैः समम् // 23 // अहो धर्मस्य साम्राज्यं, गुणमाज्यं विजृम्भते / असहाये सहायो स्युर्यतः सर्वे सुधाशनाः // 24 // मानवानां विमानोऽय, चलतरणिविम्बवत् / उन्मुखानां तदीक्षा, मनोविस्मयकृच यः // 25 // MEERCEOCKEEEEXCEKAR
SR No.600427
Book TitleBhavishyadutta Charitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMeghvijay Gani, Mafatlal Zaverchand Gandhi
PublisherMafatlal Zaverchand Gandhi
Publication Year1936
Total Pages170
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size12 MB
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