________________ चरित्रम् A- // 18 // 3 इत्याकर्ण्य जनाः सौम्यं सुमित्राया निदर्शनम् / व्रतं सेवध्वमतिथिसंविभागं शुभास्पदम् // 85 // सुमित्रा अ०-हे मनुष्यो ! एरीते ते सुमित्रानुं मनोहर दृष्टांत सांभळीने कल्याणना स्थानरूप अतिथिसंविभागवतने सेवो? // 85 // // इति श्राअतिथिसंविभागवतफलोपदर्शने सुमित्राचरित्रं समाप्तम् / // 18 // आ चरित्र श्रीवर्धमानमूरिए रचेला श्रीवासुपूज्यचरित्रमाथी ओधरी तेनुं गुजराती भाषांतर पण्डित श्रावक हीरालाल हंसराजे करी स्वपरना श्रेय माटे पोताना श्रीजैनभास्करोदय प्रेसमां छापी प्रसिद्ध ___कयु. // श्रीरस्तु // // समाप्तोऽयं ग्रंथः गुरुश्रीमच्चारित्रविजय सुप्रसादात् // SGA%95%AASAR सलवाल समाप्त.