________________ SCk // 83 // 1 मासूषित* स्मरणेन | पोतेन तामलिप्ति SARANACHAR नंदणमि दुण्हंपि / कल्लाणगिरिट्ठियाणं सहलाइ दिणाई वचंति // 208 // इय दुहं अमोग्नं सधम्मचरियाण नेहभरियाण / सुकयतरुकुसुमविन्भमजिणिंदधम्मुञ्जमो जाओ // 209 // हिययंमि गहीरे सायरम्मि पसरंति तस्स उक्कलिया। अह अन्नदिणे गुरुयणसुमरणसंचलिरमीणेण // 21 // पियराण पयइवच्छलनेहलचित्ताण देवयाण व / बहुमाणो कायध्वो पच्चुवयारो न पुण सक्को / / 211 // भणियं च-दो चेव देवयाई अम्मापियरो य जीवलोगम्मि / तत्थवि पिया विसिट्ठो जस्स बसे वट्टए माया // 212 / / वच्छरमोसहसोसणमच्छउ पसर्वतिमाउए दुक्खं / गम्भिक्कदिणदुहस्सवि न निक्कयं(ऋण) देइ चक्कीवि // 213 // जुवणपवणपणुल्लियपरिसुक्कपलासलहुयरमणेण / सुन्नमि परिजंतं मह कोउयरेणुकलुसेणं // 214 // पियराणं अवरावरमणोरहुल्लाससायरगयाणं / पडिकूलगेण न मए पोएणवि होइ नित्थारो // 215 // इय चिंताभरमंदरमंथिजंतम्मि मणसमुद्दम्मि / बाहिं बाहजलं बहु पलुट्टए वीरभद्दस्स // 216 // तोऽणंगसुंदरी तं तयवत्थं पेच्छिऊण नियदइयं / पुच्छइ ससंकवयणा ससंकहियया असुहहेउं // 217 / / अह भणइ वीरभदो मद्दे ! पियराण नेहलमणाण | विरहेण महीमंडलपरिभमणपरिस्समो हेऊ // 218 // ता तीए तब्भावे कहिए जणयाण पोयसामग्गी / मंतुं शत्ति पुरीए कारपिया सामलिलीए // 219 // पवणजवेणं पोए चलिए रयणायरोवि जलरासी / उक्कलियाहिं कलिओ दीसइ पयलंतबहुसत्तो // 220 // पोउवलंभसहिओ सुहिओ को होज ? मज्झ जणओ व / दीवदियंतरगमणे संसारे सायरागारे // 221 // पोएणऽणंगसुंदरिसंजोओ अक्खएणं जइ कहवि / मज्झ जणयाण होही कुलुन्नई ता फुडं होही // 222 // किं पुण धमाण चिय निविग्धमणोरहाण संपची / सिन्नजलहीए जीए जगईए गम्मए ठाणं // 223 / / अन्नं च-अन्नह परिचिंतिजइ कजं परिणमइ वीरभद्र४ स्यानिर्विघ्न प्राप्तिमनोरथः।