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________________ श्री जयन्तीप्रकरणवृत्तिः / ASHALA | स्वपुत्रीप्रियदर्शनोपरि वीरभद्रस्य ममत्वकथनम् / // 72 // 4%AC% पुच्छिएण परियरजणेण परिकहियमित्थ नयरम्मि / एसा कन्ना तणया सागरदत्तस्स सिद्विस्स // 29 // रुवविणिज्जियरंभा PI अइसयरमणीयजोवणारंमा / लक्खणपुन्ना कन्ना एसा तवणिज्जलावन्ना // 30 // लोयणजुयजियहरिणी रइरससल्लइवणम्मि वरकरिणी / सीलगुणरयणधरिणी एसा कह हुन्ज मह घरिणी ? // 31 // इय चिंतापरमंदरमहिए हिययंमि सायरे तस्स / पियदसणासिरी बहु वियंभए वीरभद्दस्स // 32 // नीलुप्पलनयणाए वियसियसयवत्तसुरहिवयणाए / अहरारुणकिरणोग्गमअहरीकयबंधुजीवाए // 33 // उल्लसियपक्खवाओ चपयकंतीए तीए अणुरत्तो / भमरो व वीरभद्दो अम्हघरं तो सयं एइ // 34 // कमलदलदीहनयणो सक्खं चिय रुवसंपयामयणो / प्रन्निमससहरवयणो आगच्छइ एस को सयणो ? // 35 // | इय अम्हाण विम्हियरसेण वत्थम्मि पल्लविजंते / एसोवि वीरभद्दो सच्छायघरंगणं पत्तो / / 36 / / सागयवयणसुहाए सेएण इमस्स अह सहइ पुलओ / भाविविवाहे मंगलजवंकुरुल्लाससोहग्गो // 37 // तत्तो विणीयविणओ पणओ अम्हाण चरण ववाह मगलजवकुरुल्लाससाहाया // 2 कमलेसु / अलितरुणो व रएणं सत्तगुणाहिडिओ वेसो // 38 // गुणरयणरोहणगिरी विणओ जस्सेह होइ साहीणो / सबाण मा वाण संपयाणं स भायणं तत्थ किं ? चुजं // 39 // विणयंगओ न चुजं पुरिसोचमसंगमेण दिढपक्खो / सयसन्निहियसिरीओ दुजीहदरीकरणदक्खो // 40 // इय चिंतागंगोजलदिछोए दवियम्मि जत्तेण / महासणे निसनो तत्तो अम्हेहिं णुनाओ // 41 // पुट्ठो तओ उ पुत्तय कचो इत्थागया कया तुम्मे / केण निमित्तेण पुणो संपत्ता अम्ह पासंमि // 42 // ता भणइ वीरभद्दो तायसमाणाण तुम्ह पायाण / नियचरियं वित्थरियं सयंपि लज्जावई नेव // 43 // अस्थि इह बंगदेसे धरणीरमणीविसेसयाकारा / नामेण तामलित्ती नयरी रयणायरन्मासे // 44 // तत्थऽत्थि उसमसेट्टी लच्छीकुलमंदिरं समुद्दो छ / जिणमयसम्मदिट्टी *4%A EMORIES R आ॥७२॥
SR No.600402
Book TitleJayanti Charitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMalayprabhsuri, Vijayakumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1950
Total Pages338
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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