________________ बयन्तीप्रकरणपतिः / दीक्षाग्रहणार्थ जनकजननीविज्ञापना। // 58 // 4 EX E44E4+4+4+4+4+4+4+4 - माविविरहदुस्सहवयणं सोऊण धारिणी देवी। चम्पयलय व निट्टरनिसायखरपरसुणा छिन्ना // 833 // गुरुदुक्खभरकंता मुच्छाविच्छिन्नसबचेयना / संमीलियनयणपुडा धसत्ति धरणीयले पडिया // 834 // तो सीयसलिलधाराहारावलिकमलचंदणरसेण / सिसिरोवयारवसओ पच्चांगयचेयणा देवी / / 835 / / दुहसंदोहमहंबुहिलहरीनिवहुच्छलंतबिंदु छ / जंपइ मुहु मुंचती थूलथूलाणि अंमणि / / 836 // एगोच्चिय तं पुत्तो उंबरपुप्फ व दुल्लहो अम्ह / तुज्झवियोग खणमवि कहं खमामो ? वयं वच्छ ! // 837 / / अम्हाणं परलोए गयाण गयरायपायमूलम्मि / गहियत्वा पवजा तुमए अणुहुयभोएण / / 838 // मेहो मिउमहुराए विवेयसाराए अमियधाराए / अवणितो सो तावं वाणीए भणइ विणएणं / / 839 // अंब! विलंबो कीरई जइ नाइ आउयं गुरुलहू णं / कमसो परिपूजंतं इहग्गओ मग्गओ वावि // 840 // दसदिटुंतदुलंमे अम्मो मणुयत्तणाइउवलंमे / सारं एत्तियमेत्तं सुद्धं जे गिजइ चरित्तं // 841 // भोगा भुयंगभीमा विसवल्लीविन्भमा महामोहा / अबुहाण सेवणिज्जा | विवञ्जणिज्जा य बुहाणं // 842 / / वंतासवाण पित्तासवाण मणुयत्तणमि असुईण / भोगाणं जा गेही ही जीवाणं महामोहो // 843 // मेहं पुणोवि जगणी भणइ इमा पुत्त ! रायपुत्तीओ / तुह पत्तीओ भत्ता रत्ता सका कहं 1 चइउं / / 844 // मेहो पडिभणइ इमं माइ इमा मज्म बंधणतुलाओ। भवचारयमि मीमे लोहमया संकलाउ व // 845 // एयासि पडिबंध सक्खं पयडीए अट्ठकम्माणं / जिणरायपसाएणं लीलाए हं चहस्सामि // 846 // तुह पुत्त पुनअन्नवसमुद्वियं रायलच्छिमुवमुंज / पुरिसुत्तम ! इय जंपइ ससिणेहं धारिणी देवी / / 847 // मेहेणुत्तं अम्मो लच्छीए वारुणीए सह जम्मो / उम्मायकारिणीए किं रागो होइ ? विबुहाणं / / 848 // अन्न च-लच्छी चवलसहावा रोगजराभंगुरं इह सरीरं / दुन्हंपि गमणसीलाण किच्चिरं // 58