________________ // 51 // रा॥ 736 // तो निव आणमिसदिट्ठी समुल्लसियामकारराओ / / 737 हिय पामाईयकिवा गच्छइ सेणियनिवऽन्भासे / / 733 / / हरइ य निहामुच्छं संपइ निवसींह उट्ठसु तुमंति / ता अमियसारिणीए सुमहुरमहुराए धारिणीदेवाणीए // 734 // तो संभन्तो राया कीस ? तुमं देवि इह समायया। भद्दासणमणुजाणिय पुच्छइ हरिसुल्लसियवयणो व्या मेघ॥ 735 // सावणसुहए सुमिणे कहिए देवीए नरवरिंदस्स / परमोययंमि खित्तो जाओ पुलयंकुरप्पसरो // 736 // तो निव- |दोहलस्वचंदो जपइ देवीहुतं भविस्सई वस्सं / तुह पुत्तो दिवगई अरितरुयरभंगकरिराओ // 737 // तत्तो सुहासिएणं वयणेणं तेण रूपम् / धारिणी देवी / सउणगढि बंधइ अणिमिसदिट्ठी समुल्लसिया // 738 // तो रयणीए सेसं देवगुरुणं कहासुहारसिया। अइ-13 बाहिय पामाईयकिच्चाई कुणइ सबाई // 739 // जीवदयाकप्पलयापुत्रंकुरविन्भमेण गम्भेण | कमहुंतघणदलेणं सच्छाया धारिणी जाया / / 740 // मासि तइयंमि तीए गंभीरे माणसंमि हंसो छ / घणरससपक्खवाओ चुजमिणं डोहलो जाओ // 741 // इच्छइ पाउसलच्छि अकालमेहेहिं पंचवन्नेहिं / गंभीरधीरगजियनच्चाविजंतमोरेहिं // 742 // दीसंति इंदगोवा इओ तओ बुद्धिउडिया जत्थ / पाउससिरीए चरणालत्तयपडिबिंबसारिच्छा / / 743 // विहडंतकेअईपुडपरिमललुद्धालिमालिया जत्थ / अवलोइजइ एसा वेणी किर काणणसिरीए // 744 // निज्झाइजइ जूहीजालयकुडयाण कुसुमसंभारो। नं पाउसलच्छीए आगमणलाजंजली जत्थ / / 745 // बप्पीहमोरपडिरवमिसेण घोसंति जत्थ जलयाण | जलसेयविगयतावा पवयकडयाऽऽसु आगमणं / / 746 // सोहइ पुहवी जत्थ य सुयपेच्छच्छायबहलहरिएहि / पाउससिरीए खेल्लणमरगयमयपेढिया रम्मा // 747 // खीरोयधवलपल्ललतरंगसंसग्गसीयलो जत्थ / धाराकयंवपरिमलबहलो पवणो मिऊ सुहओ // 748 // मेहे अमोहधारे जत्थ य पसरंततडिचमकारे / कस्स न हरेइ हिययं तारो निज्झरणझंकारो // 749 // रसपूरपूरियाओ % A4CAK