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________________ दादोहसपूरVणार्थमभय कुमारस्यासाष्टमतपस्या | तत्पूर्णी करणं च। श्री 16 सरियाओ जत्थ कलुसचरियाओ। उम्मग्गपसरियाओ अहिसारियदोसभरियाओ // 750 // एवंविहंमि पाउसकाले जयन्ती धनाओ ताओ रमणीओ। जाओ कीलंति चिरं दहनिज्झरसरवणगिरीसु // 751 // जयकुंजरमारूढा अहंपि जइ नरवरेण प्रकरण सकरेण / धरियधवलायवत्ता वियरंती दाणमइरित्तं // 752 // विहरामि काणणाईसु फलाई पुष्फाई मंजरिदलाई / लिंती वृतिः / अग्घायंती देन्ती न्हंती य खायंती // 753 / / एसो मे डोहलओ सहलो होहित्ति ? कहमघडमाणो / चिंतापिसाइयाए तो देवी दुब्बला जाया / / 754 // तो संभमेण राया पुच्छइ तं अमियमहुरवाणीए / ससिकंतमणिदेसासु....................अणवश्यं // 52 // // 755 // निबंधेण कहिए डोहलए नरवरेण संठविया। तह देवि ! जइस्सामो जह पुन्नमणोरहा होसि // 756 // रना अभयकुमारो आइट्ठो बुद्धिसागरी तत्तो / नियचुल्लमाउयाए पूरेसु मेहाण डोहलयं // 757 / / पोसहसालं गंतुं पोसहजुत्तेण अट्ठमतवेण / भूसेजाए सुमरइ सो य पुरा संगयं देवं // 758 // तवपजंते तत्तो घणु व मणिभूसणाण किरणेहिं / विरइयसुरिन्दचावो देवो अमयंतियं पत्तो // 759 // जपइ अभयकुमारं केण निमित्तेण एगचित्तेण / सोम! सरिओऽम्हि तुमए ? कहेह साहेमि तं कजं // 760 // अभओ पभणइ सुरवर ! जणणीए में समुद्दमइरित्तं / मेहमणोरहपूरणकए समुल्लासए राया // 761 // अभयेणेवं वुत्तो देवो मित्तो पयावसंजुत्तो। सिग्वं वासारतं घणाघणेहिं घणं कुणइ // 762 // निवडतवारिधाराणुगारिहारावलीहिं रुइरंगी। नानाविहमणिभृसणकिरणगणुल्लसियसूरचावा // 763 // उन्नयगयगयणगया &aa तडितरलफुरंतसुहडकरवाला | इंतबलाहयउज्जलढलंतसियचामरुप्पीला // 764 // उज्जियगजियगंभीरतूरनिग्धोसपूरियदियंता / लोलब्भपडलविन्भमपवणढ्यधयवडाडोवा // 765 // चउरंगदलसमेया धारिणी देवी इओ तओ तत्तो। जंगमपाउ CORDPROSAROORKS Vin52 / / .
SR No.600402
Book TitleJayanti Charitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMalayprabhsuri, Vijayakumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1950
Total Pages338
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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