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________________ बयन्तीप्रकरणवृतिः / ShakGA4% रायप्पहाणगुणरायहाणि व // 384 // अह अनया कयाई मिगावई विहियउज्जयविहारा / विमलीकर्यवयभारा वियत्रगुरुगच्छसिंगारा // 385 // सा अहिगयसुत्तत्था गीयत्था नायसवपरमत्था / चंदणबालाणुगया समागया नयरिकोसंविं / / 386 / / तो देवनमियचलणो मोहमहारायमाणनिद्दलणो / दुरियदवदावजलणो पावतरुम्मृलणो वीरो / / 387 // विहरतो नगराईसु गहीरसुरदुंदुहीनिनाएण / सिवपुरकवाडसंपुडविहडणनिग्योससरिसेण // 388 // कोसंबीनयरीए जंगमकप्पडुम व्व फलदाई / भयवपि तम्मि समये समोसढो बाहिरूजाणे // 389 / / कालेऽणते तीए जायं अच्छेरयं इमं तत्थ / सविमाणा रविचंदा समागया वंदिउं वीरं // 390 // सोहिंसु सूरससिणो पयाहिणतो तओ जिणिन्दस्स / तिजयपसरंतमुत्तप्पयावजसरासिसारिच्छा // 391 // वियसंति य मउलंति य कइरवकमलाई तम्मि समयम्मि / रटन्तअलिकुलाई अच्छरियमिणं वयंति व // 392 // अच्छरियपिच्छिरीणं नचिरलच्छीण नेउरारावो / विहसिरमउलिरकुमुयंबुएसु भमराण झंकारो // 393 // विहडंति संघडंति य हरिसविसाएहिं चक्कवायाई / जिणवयणाई वऽणेगंतवायसंवायरसिआई // 394 // सूरससीणं जोगो समसमयं कोसियाण आणंदं / वियरंतो खेयपि यऽणेगतपसिद्धिदिदुतो // 395 // दिवसपओसविसेसे अमुणिजंतम्मि अवसरे तम्मि / उवउत्तमणा सिग्धं समागया चंदणा वसहि // 396 // ससिसूरइंदविरइयमहसवाणंदगुंदलखित्ता / समणी मियाबई पुण चिट्ठइ तत्थेव खणमेकं // 397 // तत्तो रविचंदेखें दिवगईए गएसु सट्ठाणं / अवसंज्झाए एसा संपत्ता चंदणोवंते // 398 // अमियरससारणीए पमायविसवारिणीए वाणीए। तो अञ्जचंदणाए मियावई एवमालत्ता // 399 // उत्तमगुरुसंभ्या उत्तम 1 वृतभारा। // 28 // कौशाम्ब्यां सूर्यचन्द्रावतरणाश्चर्य मृगावती| साच्या अनुपयोगेन रात्रावुपाश्रयगमनम्। CARICS AE%EOCOCCA // 28 //
SR No.600402
Book TitleJayanti Charitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMalayprabhsuri, Vijayakumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1950
Total Pages338
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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