________________ मासखमण बपन्ती पारणे प्रकरण यझे वृत्तिः / // 226 // AKSHARASIFAGAR भिक्खडा पारणदिणंमि // 80 // बडुएहि अवनाए असमञ्जसजम्पिरेहिं अवरद्धो / जक्खेण अहिहिज्झइ तयणु विवाये जिया बड्डया // 81 // हन्तुमणा जक्खेणं निवाडिया झत्ति धरणिपेडंमि / रूहिरूग्गारमुहा ते निमीलियच्छा वि चेयना // 2 // तो कलयले पयट्टे अहो किमेयंति ? मिलियदियलोए / भद्दावि जन्नपत्ती तरलच्छी एइ जा तत्थ // 83 // दई मुणिमहप्पंजम्पइ माहणजणाण सा पुरओ / चवलेहिं बडुएहिं एसो खलियारिओ किमिह ? / / 84 // किं न मुणह ! देवेहिं वन्दिजइ वाह वान्द्अहमिक्षार्थभत्तिनिव्भरमणेहिं / एसो दुक्करतवभरसमुवञ्जियदिवमाहप्पो॥ 85 // ता जइ जीविउमिच्छह तुम्मे भो माहणा इमं साहुं / * मागते पणमह पूयह जेण जियंति चट्टा लहुं एए / / 86 / / तीए वुत्ता एवं पणमित्ता माहणा पसायन्ति / जीयन्ति तओ बडुया | Bामनिवरे उम्मीलियलोयणा सिग्धं / / 87 // फायदाणं वियरइ मुणिस्स भदावि परमभत्तीए / वायन्ति दुन्दुहिओ जक्खा गयणम्मि प्रतिलामिते तो तदा // 88 // घोसन्ति अहो दाणं पत्वं सुद्धं अहो परा भत्ती / गन्धोदयकुसुमेहिं हिरनवुढि सह मुयन्ति // 89 // जातानि दिद्वेण अइसएण जिणिन्दधम्मम्मि पाणिणो बहवे / अणुरत्ता हुन्ति तओ बिहरइ य मुणी वि अन्नत्थ // 90 // कलहे पाव दिव्यानि। ट्ठाणे वटुंतो जइवि पुनमाहप्पा / एस मुणी गुणरासी तो किं अनोवि न तह होइ ? // 91 // तम्हा वञ्जयन्बो कलहो कन्दो अणत्थवल्लीए / इहलोए दोहग्गं परलोए दुग्गई देइ // 92 // / कलहकथानकम् / तथासरलतानुसन्धानसावधाने सर्वोपाधिविशुद्धधर्मकलापरिक्षानतः समग्रधर्मज्ञच्डामणौ अर्जुन इव परस्मिन करकर्मकौरवकैरववनप्रबोधप्रतिपन्थिनि प्रभाकरे अकृतस्यापि कृतस्य यदध्यारोपणं, तदम्याख्यानमपि महापापस्थानमित्युप- IP // 226 //