________________ // 211 // आर्त ध्यानेन मृता 154CCANCEREMOA% |श्रीकान्ता कुक्करी जाती। | तुह पायाण संगमेणाऽहं / दिद्वे सिवपुरमग्गे पडिवन्नो चरणपरिणामं // 54 // हे सिद्धिपुरीपन्थे पत्थियजियसत्थवाह नाह तुमं / मह देइ सबविरई पाहेयं मणिट्ठियं सिग्धं // 55 // एवं विनविएणं करूणारससायरेण तो गुरूणा। संविग्गो अरिहमित्तो परिक्खिओ दिक्खिओ झत्ति // 56 // तवतेयअंसुमाली पसमथेजाइगुणरयणमाली / एसो गुरूकुलवासी अपुबनाणअणभासी // 57 // गीयत्थतं पत्तो अपमत्तो संजमंमि आसत्तो। देसन्तरेसु विहरइ गुरुहिं सद्धिं महासत्तो। // 58 / / चिट्ठन्तीए तस्स य आसावन्धेण भाउजायाए / सयजामा चि य रयणी संजाया तो तिजामावि // 59 // तमपिच्छन्ती गोसे रागन्धा सबओ निहालन्ती / अट्टज्झाणोवगया भाउजाया मया झत्ती / / 60 // तत्तो सा कम्मवसा गामे एगंमि कुक्कुरी जाया / छिच्छिक्कारेण हया छुहिया दुहिया परिभमेइ // 61 // कमसो य तत्थ पत्तो विहरन्तो सो मुणी अरिहमित्तो / अणुरत्ताए तीए दिट्ठो भिक्खापविट्ठो य // 62 // चाडुसयाई कुणन्ती रागन्धा पिट्ठओ विलग्गा सा। वसहीएवि निसन्ना सविहे विविहे वियारे य // 63 // दंसन्ती उपहासं अहोनिसं जणइ जेण लोयम्मि / तेणेमं रयणीए सुत्तं मुत्तं गओऽन्नत्थ // 64 // तत्तो पभायसमए तस्स विओगेण दहणदाहेण / मरिऊण गिरिनिकुंजे जाया वणमक्कडी तत्तो // 65 // कीलन्ती तत्थ वणे विचित्तकीलाहि जुहमज्झगया। तारूनासिरिं पत्ता निसग्गचवला गमइ कालं | // 66 // अह सोऽरिहमित्तमुणी सद्धिं सत्थेण तेण मग्गेण / भवियवयावसेणं जन्तो तीए पहे दिट्ठो // 67 / / पुत्वभवब्भासेणं उक्कडरागेण मक्कडी एइ / साहुसमीवे दंसइ मयणवियारे बहुपयारे // 68 // गच्छइ सत्थो सावि य मग्गनिरोह करेह साहुस्स / सुहडेहिं भेसविया वित्तत्था दूरमवकन्ता // 69 // तो तम्मि अरिहमित्ते तद्दिट्ठीए अगोयरं पत्ते / विरहरहंग RECOACCRECRACCOS A5