________________ ॐ // 205 // भिरामो असोयसुमणोवियासरमणीओ। संतोसारामुच्चिय जीवो सुहवीयपूरसिरी // 47 // संतोसमावणाहिं कपिलस्स दियरायकिरणकुरुलिहिं / कइरबवणं व वियसई जाइस्सरणं तओ सहसा // 48 // पुत्वभवनाणदंसणचरित्तरयणतओवलंमेण | मोहंधयारनिरसेण सिवपुरवरमग्गमोइनो // 49 // // 50 // लोयं काऊण देवयादिनं गहिऊण समणलिंगं कविलमुणी एइ अत्थाणं // 51 // वडाहि तुमं नरवर सुधम्मलामेण तेण इय भणिए / विम्हइमणो राया पुच्छह किं चिन्तियं एयं // 52 // आमूलाओ सत्वं कहेइ कविलो विचिन्तियं सरलो। रायावि भणइ हिट्ठो कोडिं अहियपि ते देमि // 53 // कविलमुणिन्दो जम्पइ जाइस्सरणेण नायपरमत्थो। पडिवनमुक्खमग्गो भवकारागारउद्विग्गो // 54 // कोडिगुणेणऽत्थेणं दूरं निम्मुक्कसरलएण धुवं / परलोयस्सुवधाओ निवत्तिजइ महाराय ? // 55 // जीवाणं रक्खाए धम्मो परलोयसाहणं होइ / अत्थे मांगेए पुण जीवविधाओ जाण सिद्धो // 56 // अत्थगहणे अगाहे मोहावतंमि सायरे राय ! | पडिकूलचारिणीओ सबाओ आवया इन्ति // 57 // अनं च-राय भोगोवभोगगिद्धाण चेव मूढाण / लच्छीपरिग्गहिच्छा होइ अतुच्छा मणुस्साणं // 58 // जे पुण अवगयतत्ता विसयविरत्ता सिवम्मि आसत्ता / ते तवसंजमसमदमसिरिसंगमसुखदुल्ललिया // 59 // इयकविलदेसणामयरसेण सित्तेसु मवखिसेसु / पुलयच्छलेण धनाण हुंति पुत्रंकुरा सहसा // 60 // राया जंपइ दियवर मन्तो तुह एस दिवमाहप्पो / वर्खतो जेण बहुलोहपिसाओ लहूजाओ // 61 // पवजापडिवजणवञ्जपहारेण मुणिमहिन्द्रेण / तुमए | सिद्धिपुरीए दारे लोहम्गला मागा // 62 // तिहुयणबन्दियचलणो मोहमहीनाहमाणनिहलगो। तं होसि विगयराओ कपिलस्व जातिस्मरणज्ञानं | राज्ञो दुरन्तार्थविषयउपदेशश्च / SAKA 5 //