________________ जयन्ती प्रकरणवृत्तिः / // 176 // यप्पयाणो जोहाणं विहियबहुधणपयाणो / पत्तो य देससन्धि रणाभिसन्धि धरेमाणो // 46 / / बाहुबलीवि नरिन्दो दबाहुबले नाणाविहविहियमंगलाणन्दो। चउरंगदलसमग्गो पयपत्थाणसुहलग्गो // 47 // परबलसमुद्दवेला पडिक्खलणे मलय- सेनावर्णनं मेहलाबन्धा / तस्स पयाणे भद्दा चरन्ति करिणो घणमयन्धा // 48 // रेवन्तदेवहिडियसुपइट्ठियअंगुवंगरंगिल्ला / भयंकरयुद्धवग्गन्ति तओ तुरया मणपवणरया सुजाइल्ला // 49 // तयणु परमत्थसारा चक्करवोच्छलियजणचमक्कारा / संगामिया विचारणा सरन्ति य मणोहरा तह रहा तुरियं // 50 // पसरन्ति पञ्चसाहा मयनाहा जाण अरिकरिन्देसु / ते सुहडा कोडिगुणा गुणवन्ता पहरणसणाहा // 51 // अणवरयपयाणेहिं सउणगुणुच्छलियबिउणिउच्छाहो। बाहुबली महिनाहो पत्तो देसस्स सीमाए // 52 // हेसन्ति हया गञ्जन्ति गयवरा घणघणन्ति रहलक्खा / मुश्चन्ति सीहनायं सुहडा संगामविहिदक्खा // 53 // वियरन्ति सेन्नमज्झे अविहत्था मागहा धवलहत्था / कुलगोत्तकित्तणेणं धीराणं कयरणुच्छाहा // 54 // रणतूरसहसवणे रभसभरूल्लसियअंगुवंगेसु / गविजन्तावि बहुं नमन्ति सुहडाण सन्नाहा // 55 // निविडगुडगुडियगयनिसाइकरगहियसिंगधणुहीओ / कुवियकीणासकुडलियफरन्तभमुहापियसहिओ // 56 // पक्खरियतुस्यकवइयसायकरोल्लसियसेल्लभरभल्ला / जममुहुरकुहरविणिग्गयजीहासोया वियारन्ति // 57 // गुणवन्तफारफारकपाणिझलकन्तखग्गलट्ठीओ / अइकुद्धकालरयणीकडक्खलच्छि विडम्बन्ति // 58 // जुत्तमणवेगतुरया आरोवियचावलट्ठिधाणुक्का / सत्थभरनिन्भरा रहवरा वि गुरुचकचिक्कारा / / 59 // एवं समरोच्छाहिए सन्नद्धे कुद्धअप्पपरसिन्ने / बाहुबली परिचिन्तइ अहो महन्तो रणारम्भो / / 60 / / होहीअ हेयउच्चियहयगयपाइकचकसंहारो / अजियदुकयभारो उग्घाडियनस्यपुरदारो // 61 // // 176 // CRE%E05-3 COMCARDAMOMCN 13330