________________ पी CA8 बाहुबलेरुचरम् / बवन्तीप्रकरणवृतिः / // 174 // CARECE ला तम्हा आहवमहिमण्डलेण मन्तेण मण्डलग्गेण / देवाईण समक्खं दप्पविसं संहरिस्सामि // 14 // जं पुण भणियं रणर- ससजो वा हवसु य ! भरहेण / छुहियस्स भोयणेणं निमन्तणं तमिह पडिहाई // 15 // हिट्ठस्सं अवनाए हियस्स परितजणं व सीहस्स / अइनिट्टरवयणेणं सुत्तस्स व तस्स पडिबोहो // 16 // ता य मणसु गन्तुं आगच्छइ जेण देससीमाए / लंघियकुलाइसीमो रणकेलिमणोरहो भरहो // 17 // भरहविजएण गव्वो गजइ एयस्स ताव करिकलहो / मह एस पंचसाहो मयनाहो परास्यइ न जाव // 18 // पत्तो च्चिय तस्स पुंणो हंहो सवडम्मुहो अहं इन्हेिं / महबाहुबलं जम्हा सहलं होहित्ति उल्लसिओ // 19 // सावटम्भ वयणं दूओ सोऊण बाहुबलिभणियं / चिन्तइ भरहो चक्की एसो पुण उग्गबाहुबलो // 20 // | तो दुन्हं बंधवाणं सुराण असुराण माणवाणं च / होही अदिट्ठपुवं मन्ने समरंगणं किंपि / / 21 / / चक्कं न कमइ गोत्ते अहियं बाहुबलमह भरहपुन्नं ? / मज्झ मणो आरूढं एवं सन्देहदोलाए // 22 // इच्चाइ चिंतिऊण दूओ पञ्चागओ अउज्झाए। पणमिय भरहनरिंदं सविम्हओ विन्नवइ एवं // 23 // बाहुबली रणरसिओ सामिय तुहवयणाओ समुल्लसिओ। तस्स बलजलहिवेला वाणीवि गिरिंददुन्निवारा // 24 // कुलपवओवि एसो न कूडघडि उन्नई खमाहारो / देव भरहस्स सीमंधारिउंकामो जहा हिमवं // 25 // गोत्तपरिरक्खणुजमजुत्तो रयणाय व बाहुबली। तीरट्ठियभरहे पुण खारूग्गारं बहुं किरइ // 26 // बन्धवरजवहारं पराहवं मन्नए बहुं जेण / तेण पराहवइच्छा इमस्स तुच्छा समुच्छलिया / / 27 / / रूटोवि सामि ! मनइ जिटुं तुममेव एस बाहुबली / गोत्तपयाण दिन्तं दुसहं तावं च सोसं च // 28 // अहवा सच्चं तवणो तुमंसि भुवणम्मि देव ! उदयन्तो / अवहरसि जेण सहसा सपक्खतेयस्सितेयाणि // 29 // तह भणइ देव ! बाहू सकञ्जलग्गोऽसि तं कुलप %ACॐन P // 174 //