________________ श्री बयन्तीप्रकरणपतिः / CHECRECRECAGADCASCIENCE | हत्थपुरिससंट्ठाणो / लोओ जिणिंदमणिओ तयग्गसिद्धाण ताण नमो ॥४८|जाण न पुग्गलभुत्ती केवलवरनाणदसणधराण। धामणापूभवजलहिपारगाणं निच्चं मुत्तालए हाणं / / 49 // धम्मरहे मुणिवसहे निजोजयंताण पवयणधराण / सूरीण सारहीणं नमोत्थु बकं प्र४. सिवमग्गकुसलाण // 50 // नमिमो उवज्झायाणं जेसिं चरणारविन्दसंलीणा / सुयमयरन्दममन्दं पियन्ति फुल्लंधया मुणिणो भाते स्व // 51 // संविग्गविहाराणं संजमलच्छीउरंमि हाराणं / साहूणमऽवियाराणं नमोत्थु तइलोकसाराणं // 52 / / नवकारंमि दिणिंदे लोकगमहियए उदयायलंमि उदयन्ते / दोसायरंमि काए झीणप्पाए महच्छरियं // 53 // जं राया उल्लसिओ सुहज्झाणमहोदहिं वियासन्तो / तारयमुणीण पाए नियरूइपसरेण पयडन्तो // 54 // आकालं भववल्ली अट्ठारसपावट्ठाणसंरूढा / तो धन्ना जेहिं इमा धम्मज्झाणाऽसिणा छिन्ना // 55 // उद्धट्ठाणेण चिरं सरीरयं मज्झ संपयं अबलं / तो जीववीरिएणं तत्तं सत्तं न मुच्चिस्सं0 // 56 // भवचारयमि घोरे, परिभमन्तेण जे मए जीवा / विद्दविया ते मज्झं, खमन्तु खामेमि ते सवे // 57 // किं बहुणा"एगो मे सासओ अप्पा नाणदंसणसंजुओ / सेसा मे बाहिरा भावा, सवे संजोगलक्खणा" / / 58 / / संजोगमूला जीवेण पत्ता दुक्खपरम्परा / तम्हा संजोगसम्बन्धं तिविहेणं वोसिरइ सवं" // 59 // आसवदारपिहाणं, काऊणं सत्वसंगनिम्मुको / साहेमि उत्तमटुं, मुत्ताहारं महग्धवियं // 60 // एवं सुहज्झाणेण रयणिविरामंमि एस निवचंदो / अत्थमिओ सुरलोए, महड्डिदेवत्तणं पत्तो / / 61 // कायोत्सर्गस्य कष्टस्य बहीरूपतपसः कथानकम् / / ___ अह दाणसीलतवविहिकप्पहुममंजरीसु संलीणा / भवा हवंति सिवसुहफलोवलंमेण सुकयत्था // 1 // आसंसं चईऊणं धम्म दाणाइयं कुणन्ताण | संवेगरंजियमणा, कुणंति देवावि पसंसं // 2 // अनियाणो जिणधम्मो अचिन्तचिन्तामणी जओ तेण / 136 // मा MOHABBASSASNEHEALSCIES