________________ // 135 // 4545445 तित्थयराण जावाऽऽणं एस ज्झायइ नरिंदो / निवाउं दीवोवि हु ता इच्छइ पाडिसिद्धीए (स्पर्धया) // 32 // इत्थन्तरम्मि से दीपके सिजापाली चिंतेइ अंधयारम्मि / कह मह सामी राया चिट्ठिस्सइ ? धम्मज्झाणेण // 33 // तो सा दीक्यपत्ते तिल्लंदासीकृतनिक्खिवइ झडित्ति पञ्जत् / नियमत्तिं व दलिल्लं (विकस्वरां) करेइ निविडं दसं पयडं // 34 // राया सुहोचियंगो सिरीसकुसुमं : तैलप्रक्षेपेव जयवि सुकुमारो / उच्छलियपुरिसायारो करेइ ज्झाणं विसेसेण // 35 // तद्यथा-एसो अणोरपारो संसारो सायरु व पि नृपस्य दुत्तारो / जं तम्मि आवयाण सम्पाओ होइ किं चुजं // 36 // अहवा सिजावाली दीविय रुइदलं सिणेहेण / नूणं मह वर्द्धमानतणुमोहं तमं व हरइ निस्सेसं // 37 // गन्भाइदक्खदन्दोलिकारणं एस चेव जं काओ / तं विउसाणं जुत्तो तम्मुच्छाए | भावना। परिचाओ // 38 // काउस्सग्गाभिग्गहगहम्मि मह मणनहमि उद्यम्मि / सूरि व उग्गतेए दोसावगमो फुडं होही / / 39 // जह जह सिजावाली तम्मि नरिंदम्मि मेरुनिकंपे / तिल्लं दसं च दीवे पुणरुत्तं खिवइ तहा चेव // 40 // रायावि धम्मज्झाणं दीवं उजओयए पयत्तेण / नेहं विणावि चुजं अलोहपत्तम्मि चित्तम्मि // 41 // तथाहि-मा जीव ! होसु कीवो पावियजिणवयणखीरसरिनाहो / मुत्तीयसुहं समीहसु संवरलहरीहि उच्छलियं // 42 // लद्धेवि हु जिणधम्मे पुट्ठगुणे तम्मि अंतररिऊहिं / निहयाणं जीवाणं होइ महा दुक्खसंदोहो // 43 // पीडिजंते काए दुहिक्कट्ठाणे तुहित्थ किं दुक्खं ? / नाणाइगुणसमग्गो होसि तुम जं तओ अन्नो // 44 // उक्तं च-"अन्नं इमं सरीरं अन्नो जीवोत्ति एव कयबुद्धी। दुक्खपरिकेसकरं छिन्द ममत्तं सरीराओ" // 45 / / नेहेणिमिणा सच्चं दसाण अवरावराण संजोए / संतत्तो दुहिओ जीवो न लहइ दीवुछ निवाणं // 46 // अणुगयगणसामीणं जिणाण पणमामि पायकमलाई / रागाइबिरहियाणं विहरंताणं मणुयलोए // 47 // उद्धठियपसरियपयवियनकडि- // 135 //