________________ // 123 // पुनः AAAAAAAA% सरीरं सबलं सपरकम इमं जाव / ताव विढप्पइ अत्थो अत्था अस्थिजणो होइ // 36 // ता जाव अस्थि दविणं मह किंचिवि अट्टणतेण किजउ कहिपि / दिवरसायणजोगो जेण पुणो होइ तारुनं // 37 // सामच्छिऊण एवं बच्छदेसम्मि अट्टणो मल्लो / मल्लस्य वयइ कोसंबीए सम्मं च रसायणं काउं // 38 // भूमिहरए पविट्ठो चिट्ठइ सो जाव हुंति छम्मासा / आरुढो तारुनं तो तेण रसायणेणेसो // 39 // सपरक्कम सतेयं सबलं नाऊण अप्पणो कार्य / सोपारयम्मि गच्छइ स मल्लजुद्धच्छवुच्छाहो // 40 // तारुण्यतो तेण कए जुद्धे दिढखंधेण महापबंधेणं / विजिएवि हु पडिमल्ले राया वियरेइ न पसायं // 41 // सामंताईवि जणो प्राप्त्यर्थ रंजियहिययोवि देइ नहु दाणं / सीहरहम्मि नरिंदे अवि साणंदे अदिन्तम्मि / / 42 // तो अट्टणो विचिन्तइ विसट्टकन्दुट्ट- रसायणलोयणो वेस / सीहनरिंदो दाणं न देइ अबो किमयंति // 43 // हुं नायं चिय जमहं पत्तो तारुनयं सलावन्नं / तं एस प्रयोगः। महाराओ पञ्चभिजाणइ न मं सम्मं // 44 // ता जाणावेमि निवं अप्पाणं गीइयं पढेऊण / इय निच्छिऊण स पढइ महुरगहीराइ वाणीए // 45 // साहह वणसउणाणं साहह सउणावि भो इह वणाणं / विजिओ निरंगणो सो अट्टणेण निक्खित्तसत्थेण // 46 / सोऊणेवं राया विम्हयपप्फुल्लनयणनलिणजुओ / मुंचा सुवन्नवोट्टि तुहि मोति व पयडितो // 47 // अन्नेवि तओ सामंतमंतिसेणाहिवावि पुरलोया। मणिमुत्ताहलदेवगवासवरिसेण वरिसंति // 48 // उजेणीनयरीए लद्धट्ठो अदृणो तओ जाइ / चिंतइ य गए पुणरवि तारुन्ने को ? मह सहाओ // 49 // लद्भुणेमं पुरिसं तरुणं बलसालिणं कुलुप्पन्न / पुत्तताए पडिवजिऊण मल्लं करिस्सामि // 50 // सोरट्ठम्मि य देसे खेत्तणुभावा सुणिजए एवं / पुरिसा गरिद्वगत्ता हुन्ति बलिट्ठा सुदिढसत्ता // 51 // एवं सो चिंतंतो भागे एगम्मि तो सुरद्वाए / भरुयच्छसन्निहाणे अकालखेवेण संपत्तो // 52 // / D // 123 / / SASARASWARA