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________________ नयन्तीप्रकरणभूचिः / // 122 // // 19 // लावलेवलित्तो चिट्ठो पुट्ठोवि गभंगेहिं / अंगे दुई निगृहइ मच्छियमल्लो व सो मरइ // 20 // तहाहि-- है सरलतायां अस्थि इह जंबुद्दीवे दक्खिणभरहेत्थ मज्झमि खण्डे / रम्मो कुंकुणदेसो जत्थ सिरीणं सयावासो // 21 // आरा. फल्लिहमल्लमुजाणेसुं जो सइ विलसन्तनागपूगेहिं / अइसायसेससालो रेहइ पायालसग्गो व // 22 // परिमलमिलन्तअलिउलझंकारच्छ- दृष्टान्ते लेण इन्तलच्छीण / कमलागरेसु जत्थ य मणिमयनेउररवोग्गारो // 23 // जत्थ य चम्पयतरुणो परिमललुद्धालिजाल- सोपारकबुसमग्गा / परिणयफलभरजंबूकाणणलच्छि विडंबन्ति // 24 // रामा जत्थारामा रमणीया तिलयपत्तवल्लीहिं / पुप्फ- नगरेशफलभोगसुहया सजञ्जणनयणकमणीया / / 25 // तत्थत्थि वरं नयरं कुंकणसिरितारहारसोहग्गं / सोपारयं पुरंदर-18 सिंहरथपुरं व रंभाविलासिल्लं // 26 // सिरिरिसहसामिमंदिरकंचणकलसोल्लसंतकिरणेहिं / जं कल्लाणमयं चिय दुहावि विबुहा राज. पसंसन्ति / / 27 // जं अंतो बाहिपि य सालेहिं समुन्नएहिं सोहेइ / घणदलसच्छाएहिं सुयन्धकुसुमोवसोहेहि // 28 // वर्णनम् / सिरिवयरसामिपेसियवहरविणेयाओ ति दुभिक्खे / नायलचंदुद्देहियनिव्वुइगच्छा इमे जत्थ // 29 // तम्मि पुरे सीहरहो राया होत्थाऽरिकुंभिनिद्दलणो / कितीहिं जो विभूसइ आसा मुत्तावलीहिं व // 30 // सो मल्लजुद्धदंसणसुहलालसमाणसो सरयकाले / जुज्झन्ताणं ताणं जयवंताणं कुणइ दाणं // 31 // उज्जयणीनयरीए वत्थवो अट्टणो महामल्लो / सो पइवरिसं मल्लच्छणम्मि सोपारयं एइ / / 32 / / जिणिऊण अवरमल्ले रायपसायं महत्थयं पप्प / सो गंतूर्ण उज्जयणि विलसइ बहुलोयपरियरिओ // 33 // कालेण जराजन्जरमबलसरीरं तयं जणो मुत्तुं / गच्छइ इच्छियट्ठाणं तो चिंतइ अट्टणो मल्लो // 34 // सबोऽवि ताव सेवा विणएणं जाव सिज्झइ सकजं / परमत्थओ न नेहो कस्सवि कस्सोवरिं अस्थि // 35 // ता अप्पणो P // 122 // ALA
SR No.600402
Book TitleJayanti Charitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMalayprabhsuri, Vijayakumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1950
Total Pages338
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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