________________ अमययोपसर्गितेऽपि जयन्तीप्रकरणवृत्तिः / सुदर्शने // 112 // जाणे छवियं सुदंसणसेटिं। पडिहारेहि अक्खलिया नेउं अप्पेइ अभयाए // 157 // हरिसमरनिम्मरंगी महुरं अभयावि भणइ तयहुत्तं / अविवेइमणोहरणं न मंततंताण जं सजं // 158 // तहाहि सोम तुम मह उवरि रुइपसरं कुणसु जेण मणकुमुयं / वियसइ बहुहाऽऽमोयं उज्झिय बहुदिवससंतावं // 159 // मह ट्रा सुंदरपुरंदर एरावणकुंभसोहिथणजुयलं / कुणसु नियपाणिनहरूहरूहरं सिंदूरसोहिल्लं // 160 // तं काम एव रूवो तुमंमि एसा रई सही मजा / पीईवि जहा निद्धा होइ सही तह तुमं कुणसु // 161 // तं पणयकप्परुक्खो तणुलया मज्झ कोमला सरला / लीलारोहणविहिणा लहेउ सुहपल्लवुल्लासं // 162 // जघणस्थली महेसा गंगापुलिणं / मिउं महाभोगा / ललियगईए तीए विथरसु तं रायहंस व // 163 // लावनामयकलसे तुमम्मि सुकुमालमालईमाला / बरकंठे गुणलचिंछ लहंतु मह सुहयबाहूओ // 164 // अबवरयमयणबाणप्पहारविहुरं पुणनवं होउ / सामिय सरीरमेयं मह तुह संगमसुहं लद्धं // 165 / / सामिय 1 अपुत्रं किं मह ? तुमंमि परमोयएचि पत्तम्मि / जे एस मयणजलणो पसरंतो नेव उहाइ ? // 166 // इयऽणेगहा सुहाहिं सो सिंमारायारनयणवयणेहिं / पलयपवणेहिं मेरू जह तह न हि कंपिओ तीए // 167 // काउस्सग्गेण द्विओ सुदंसणो तयणु मोणमावन्नो / धम्मज्झाणं झायई अवियारायारसम्पनो // 168 // पुणरवि अभयादेवी मासइ बहुहावभावमणहरणं / मं मृणत्यो सामिय दुहियं किमुविक्खसे ? अहियं // 169 // तेयस्सीवि न सूरो हबसि तुमं जेल पउमिणीमउयं / नयसि न हरिस में | पहु ! बहुहा अब्भत्थिओ जइवि / / 170 // कट्ठाणुहाणवयं मुश्चसु तं जेण तस्स फलमेयं / मन्नेमि जमिह मह मुहकमलम्मि PI महुबओ होसि // 171 // इच्चाइ आलवंती अभया नियपाणिमा करं तस्स / गहिऊण कुण्इ सरहसभुयाहि परिरंभसंरंभं तन्मनोरथो निष्फलो जातः। RECASHRSSC * 2 //