________________ सुदर्शने कलाओ गिन्हइ सो अप्पकालेण // 76 // नंदणवनराईए मेरुगिरिंदो व जुवणसिरीए। परिकलिओ सवंगं अह सो कल्लाण- यौवनमुत्तिधरो // 77 // किल पुनपरिणईए गुणेहिं रुवाइएहिं य ईए / सोहग्गमञ्जरीए उव्वणनवजोवणसिरीए // 78 // उत्तम- स्थितेकुलजायाए धूयाए मणोरमाभिहाणाए / सद्धि पाणिग्गहणं करिजइ तयणु पियरेहिं // 79 // निवसइ सदारतोसो अब्भूयसीलस्स तस्स हिययंमि / कुच्छुहमणि व सुगुरूवएसखीरो य उवलद्धो // 80 // आबालकालरूढो तस्स खमाए दयाणु- श्रेष्ठिपदं भावेण / सम्मत्तकप्परुक्खो सुहगुरुपायप्पसंगेण // 81 // धम्मकलं पयर्डतो निहणइ मिच्छत्तमोहमहिनाहं / अञ्चतसरल दत्त्वा ऋयाए अणुगुणसिक्खावयजुत्तो // 82 // नेगमसंगहनिरओ सद्दववहारसिद्धिरिउसुत्तो / नयमग्गसमभिरुढो एवंभृयप्प पभदासेन सिद्धप्पा / / 83 // एस सुदंसणसिट्ठी सम्मं सुगुरूवएसलद्धट्ठो। जिणसासणं व अवितहवाई लोए महग्यविओ।। 84 // | गृहीता गुरुपक्खवायनिरओ परिसप्पिरदप्पसप्पविद्दवणो / विणओवयारकुसलो वहेह दियरायसमसीसि // 85 // चिंतेइ उसहदासो दीक्षा। सुदंसणो एस गुणगणावासो / मह उब्जियगिहवासो तो उचिओ गुरुकुलब्भासो / / 86 // इय भावियपरमत्थो हिययडियसव्वसारसुक्खत्थो / निवसयणपयडसत्तं सिट्ठिपए ठावए पुत्तं / / 87 // अक्खलियललियचरणो अंगोगोवओगवित्थरणो / उन्वृढसीलभारो मुणिवसहो होइ सिट्ठीवि // 88 // एसो सुदंसणो पुण सिट्ठिपए सुट्ट संठविओ संतो। वित्थरियकमलकोसो परमिट्ठिपइट्ठलट्ठो॥ 89 // अन्नं च वसइ नरवरपरलोयहिओ पुरोहिओ तत्थ / कविलो मंतमहोसहिपच्चूहसमुहनिद्दलणो // 90 // चंदोजलदियपंती परिणयबिंबाहरा सिणिद्धच्छी / तप्पत्ती कविला पुण जोवणवणराइलच्छी व // 91 // सा अन्नदिणे जंपइ कविलं चिट्ठह कहं ? बहिं निच्चं / बहुकालं गोट्ठीए सरसाए इक्खुलट्ठीए // 92 / सो भणइ मुद्धि ! पणयिणि! IPIW107 // CHR